नमामि गंगे परियोजना ग्लोबल वाटर समिट में सम्मानित
ग्लोबल वाटर इंटेलिजेंस (Global Water Intelligence) ने 09 अप्रैल, 2019 को लंदन में आयोजित “ग्लोबल वाटर समिट” (Global Water Summit) में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) को ‘पब्लिक वाटर एजेंसी ऑफ द ईयर-डिस्टिंक्शन’ से सम्मानित किया। इस समिट का आयोजन 8 से 10 अप्रैल, 2019 तक लंदन में किया गया।
नमामि गंगे परियोजना:
नमामि गंगे परियोजना का उद्देश्य गंगा नदी में पर्यावरण विनियमन और जल गुणवत्ता की निगरानी रखना है। यह मिशन न सिर्फ नई आधारिक संरचना (इंफ्रास्ट्रक्टर) का निर्माण कर रहा है, बल्कि पुराने और ख़राब हो चुके सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के रख-रखाव व संचालन को भी सुनिश्चित करता है। इस परियोजना का उद्देश्य गंगा की मुख्य धारा पर बसे 97 शहरों और 4465 गांवों के मुख्य प्रदूषण वाली जगहों का व्यापक और स्थायी समाधान प्रदान करना है। इस कार्यक्रम के तहत नदी की सतही गंदगी की सफाई सीवरेज उपचार हेतु बुनियादी ढांचे, नदी तट विकास, जैव विविधता, वनीकरण और जन जागरूकता जैसी प्रमुख गतिविधियां सम्मिलित हैं। गंगा को 64 फीसदी प्रदूषित करने में हरिद्वार, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज और कोलकाता सहित दस शहरों का बड़ा योगदान था। इस मिशन के तहत इन शहरों में सारे पहलुओं को व्यापक रूप से शामिल किया गया है। नमामि गंगे परियोजना 13 मई, 2005 को शुरू की गई थी।
विदित हो कि इस अवॉर्ड के ज़रिये पानी, अपशिष्ट जल प्रबंधन(वेस्ट वाटर मैनेजमेंट) और डीसेलिनेशन क्षेत्रों में उन पहलों को पुरस्कृत किया जाता है, जो लोगों के जीवन में उल्लेखनीय सुधार लाते हैं। यह पुरस्कार अंतर्राष्ट्रीय जल उद्योग में उत्कृष्टता को पहचान देता है।

