‘अराउंड द वर्ल्ड इन 80 डेज़’ उपन्यास की तर्ज़ पर होगी अनोखी रेस
146 साल पुराने फ़्रांस के प्रसिद्ध उपन्यास ‘अराउंड द वर्ल्ड इन 80 डेज़’ की तर्ज़ पर एक अनोखी रेस होने जा रही है। दरअसल, इस उपन्यास का मुख्य पात्र फ़ीलियस फॉग 80 दिनों में विष भ्रमण करता है। वर्तमान में इसी उपन्यास के आधार पर 80 दिन की रेस की योजना बनाई गई है। नीदरलैंड्स के फ्रैंक मेंडर्स इस रेस के संचालक हैं। उनके मुताबिक़, इस चैलेंज को लेने वाली टीमों को रेस उसी रूप में पूरी करनी होगी जिस तरह से उपन्यास में फॉग द्वारा की गई थी।
विदित हो कि यह उपन्यास वर्ष 1873 में फ़्रेंच लेखक ज्यूल्स वर्न (Jules Verne) ने लिखा था।
रेस से संबंधित मुख्य तथ्य:
- इस रेस की रजिस्ट्रेशन फ़ीस 44 हज़ार डॉलर (क़रीब 32 लाख रुपए) रखी गई है।
- मार्च के अंत तक रजिस्ट्रेशन होगा। रजिस्ट्रेशन ख़त्म होने के बाद रेस की तारीख़ घोषित की जाएगी।
- रेसिंग से जुड़े 18 एम्बेसडर नियुक्त किये गए हैं। इनमें भारत के गिनीज़ रिकॉर्ड में शामिल सुशील रेड्डी भी हैं।
रेस के नियम-क़ायदे:
- एक टीम में केवल दो लोग ही होंगे- एक कैप्टन और एक वाइस कैप्टन।
- इसमें वाहन पेट्रोल-डीज़ल की बजाय केवल रिन्यूएबल (सोलर) एनर्जी से चलाये जायेंगे।
- प्रतिभागी टीमें जिस देश से गुज़रेंगी उन्हें उस देश के नियम-क़ायदे और उनकी सांस्कृतिक विरासत का ध्यान रखना होगा।
- रेस के दौरान पर्तिभागियों को स्वयं इस बात का ध्यान रखना होगा कि वे कैसे कम-से-कम कार्बन का उत्सर्जन कर प्रकृति को बचा सकते हैं।
पेरिस से शुरू होगी ये ऐतिहासिक रेस:
रेस की शुरुआत पेरिस से होगी और इसका ये पहला चरण कज़ाकिस्तान के अस्ताना में पूरा होगा। इसके बाद चीन पार कर टीमें प्रशांत महासागर से वैंकूवर तक का रास्ता तय करेंगी। फिर टीमें सैन डिएगो से होते हुए मैक्सिको के कानकुन जाएंगी। इसके बाद अटलांटिक सागर पार कर टीमें मोरोक्को का सफ़र तय करेंगी। रेस के अंतिम चरण में टीमें मोनाको से पेरिस की दूरी तय करेंगी।
कौन हैं सुशील रेड्डी:
वर्ष 2016 में सुशील रेड्डी ने सोलर साईकिल से भारत भ्रमण किया था। इस भ्रमण के दौरान उनकी तीन सदस्यीय टीम ने देश के नौ राज्यों को मिलाकर 7 हज़ार 423 किमी. की यात्रा की थी। ये अमेरिका, फ़्रांस और आइसलैंडभी सोलर साईकिल से पार कर चुके हैं।