भारतीय सैनिकों के सम्मान में फ्रांस में एक स्मारक का उद्घाटन
प्रथम विश्वयुद्ध में शहीद भारतीय सैनिकों के सम्मान में भारत द्वारा उत्तरी फ्रांस में निर्मित प्रथम युद्ध स्मारक का उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने 10 नवम्बर, 2018 को उद्घाटन किया। उपराष्ट्रपति 9 नवम्बर से फ्रांस के तीन दिवसीय दौरे पर हैं।
फ़्रांस के विलर्स गुसलेन नामक कस्बे में इस युद्ध स्मारक के उद्घाटन के अवसर पर उपराष्ट्रपति नायडू ने फ्रांसीसी सशस्त्र बलों के पूर्व सैनिकों और बच्चों से बातचीत करते हुए कहा कि यह उन हज़ारों भारतीय सैनिकों को महान श्रद्धांजलि है जिनके साहस और समर्पण को पूरी दुनिया ने सराहा है।
देश की स्वतंत्रता के बाद भारत द्वारा फ्रांस में निर्मित यह अपनी तरह का पहला स्मारक है। विदित हो कि इस स्मारक के निर्माण की घोषणा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जून, 2018 में अपनी पेरिस यात्रा के दौरान की थी।
प्रथम विश्वयुद्ध और इसमें भारतीय सैनिकों की भूमिका:
- प्रथम विश्व युद्ध 4 साल, 3 महीने, 2 हफ्ते तक चला था तथा जिसमें 30 देशों ने भाग लिया था।
- इस युद्ध में 6 करोड़ से अधिक सैनिक ने योगदान दिया था जिसमें से 99 लाख से ज़्यादा सैनिक मारे गए थे जिनमें 74 हज़ार से अधिक भारतीय सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी जबकि लगभग 67 हज़ार सैनिक घायल हुए थे।
- दूसरे विश्व युद्ध तक यह सबसे बड़ी मानवरचित त्रासदी थी।
- भारत की ओर से युद्ध में शामिल इन सैनिकों में करीब आधे संयुक्त पंजाब प्रांत से थे। उस समय पंजाब में साक्षरता दर केवल 5 फ़ीसदी थी जिनमें से कुछ ही सैनिक दस्तख़त करना जानते थे।
फ्रांस में भारतीय और ब्रिटिश दोनों ही टुकड़ियों का नेतृत्व सर डगलस ने किया था। युद्ध के बाद ब्रिटिश सरकार ने 9200 भारतीय सैनिकों को वीरता पदकों से सम्मानित किया था। वर्ष 1921 में सरकार द्वारा दिल्ली में इन हज़ारों शहीदों की याद में इंडिया गेट की आधारशिला रखी गयी थी जिसमें 13 हज़ार से अधिक सैनिकों के नाम हैं।