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भारत-अफ्रीका के बीच व्यापार संबंधों को प्रगाढ़ करने हेतु सरकार की पहल

भारत सरकार के वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय और 11 अफ्रीकी देशों के भारतीय उच्‍चायोगों तथा दूतावासों ने 03 एवं 06 मई, 2019 को अफ्रीका के भारतीय कारोबारी समुदाय के मध्य डिजिटल वीडियो कॉन्फ्रेंस (डीवीसी) के ज़रिए संवाद किया गया।

भारतीय समुदाय के साथ संवाद का आयोजन तंज़ानिया, युगांडा, केन्या, जाम्बिया, मॉरीशस, नाइजीरिया, मोज़ाम्बिक, घाना, दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना और मेडागास्कर में किया गया। वाणिज्‍य मंत्रालय के अनुसार, एक प्रभावशाली और कारगर निर्यात रणनीति तैयार करने हेतु अफ्रीका में रह रहे भारतीय कारोबारी समुदाय के साथ सहभागिता अत्‍यंत ज़रूरी है, जिससे दोनों पक्षों को पारस्‍परिक लाभ हो सके।

उद्देश्‍य:
इस पहल का उद्देश्‍य अफ्रीका में रह रहे भारतीय समुदाय के साथ प्रभावशाली सहभागिता सुनिश्चित करना है, ताकि भारत एवं अफ्रीका के बीच व्‍यापार संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ तथा सुदृढ़ किया जा सके। इस डिजिटल वीडिया कॉन्फ्रेंस में 11 अफ्रीकी देशों में रह रहे भारतीय कारोबारी समुदाय के 400 से भी अधिक सदस्‍यों ने भाग लिया। इस पहल के तहत दोनों क्षेत्रों के बीच व्‍यापार एवं निवेश संबंधों को और अधिक बढ़ाने के लिए एक बहुआयामी रणनीति बनाने की ज़रूरत पर विशेष बल दिया गया है।

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इन 11 देशों में भारतीय कारोबारी समुदाय द्वारा निम्नलिखित प्रमुख मुद्दों पर प्रकाश डाला गया–

  • अफ्रीका में भारतीय बैंकों/वित्‍तीय संस्‍थानों की स्‍थापना करना।
  • ऋण रेखा प्रणाली को बेहतर बनाने के साथ-साथ किफायती एवं प्रतिस्‍पर्धी वित्‍त पोषण हेतु एक उपयुक्‍त सुविधा विकसित करना।
  • दोनों क्षेत्रों के मध्य व्‍यापार को बढ़ावा देने हेतु क्रेता ऋण सुविधा बढ़ाना। तथा अफ्रीका में फिक्‍की अथवा सीआईआई के कंट्री चैप्‍टर की स्‍थापना करना।
  • भारत और अफ्रीकी देशों के बीच सीधी उड़ानों की आवश्कता।
  • दोनों ही पक्षों द्वारा वीज़ा नीतियों की समीक्षा करके इन्‍हें उदार बनाया जाए।
  • क्षेत्र में डॉलर की कमी की समस्‍या सुलझाने के लिए रुपये में व्‍यापार की संभावनाएं तलाशना।
  • द्विपक्षीय व्‍यापार बढ़ाने के लिए आवश्‍यक मिलान सुनिश्चित करने हेतु दोनों क्षेत्रों में क्रेता-आपूर्तिकर्ताओं का साझा डेटाबेस बनाना।
  • सुदृ़ढ व्‍यापार विवाद निपटान प्रणाली विकसित करना।
  • अफ्रीका में और ज्‍यादा एवं सुव्‍यवस्थित देश/सेक्‍टर विशिष्‍ट व्‍यापार प्रदर्शनियां आयोजित करना।
  • सोच-समझकर सही निर्णय लिए जा सकें इसके लिए स्‍थानीय कारोबारी एवं निवेश माहौल से परिचित कराने के लिए नीति निर्माताओं, वाणिज्‍य मंडलों और निवेशकों के दौरे बार-बार आयोजित करना।

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मुख्य बिंदु:

  • वर्ष 2017-18 के दौरान अफ्रीकी क्षेत्र के साथ भारत का कुल व्‍यापार 62.69 अरब अमेरिकी डॉलर का हुआ, जो पूरे विश्व के साथ भारत के कुल व्‍यापार का 8.15 फ़ीसदी है।
  • वर्ष 2017-18 में भारत से विश्वभर को किये गए कुल निर्यात में से 8.21 फ़ीसदी हिस्‍सेदारी भारत से अफ्रीकी देशों को किये गए निर्यात की रही। जबकि इसी दौरान पूरी दुनिया से भारत में हुए कुल आयात में अफ्रीकी क्षेत्र की हिस्‍सेदारी 8.12 फ़ीसदी आंकी गई।
  • अफ्रीका में बाजार प्रवेश, स्थिर बाजार पहुंच, उद्यमिता और परिवहन, दूरसंचार, पर्यटन, वित्‍तीय सेवाओं, अचल संपत्ति (रियल एस्‍टेट) एवं निर्माण क्षेत्रों में निवेश से जुड़े नये बिज़नेस मॉडलों की भारी मांग है।
  • विश्व के सबसे बड़े भू-क्षेत्र, 54 देशों, भारत के लगभग समतुल्‍य आबादी, विशाल खनिज संसाधन, तेल संपदा, युवा आबादी, घटती गरीबी और वस्‍तुओं की बढ़ती खपत वाले अफ्रीकी क्षेत्र में भारत के लिए मौजूदा समय में व्‍यापक अवसर हैं।



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अफ्रीका महाद्वीप और भरतीय समुदाय:
भारतीय समुदाय ने अफ्रीकी महाद्वीप की राजनीति‍क, आर्थिक और सामाजिक हस्तियों के साथ मजबूत संबंध स्‍थापित किये हैं। नवीनतम उपलब्‍ध अनुमानों के अनुसार अफ्रीकी देशों में भारतीय समुदाय की मौजूदा संख्‍या 2.8 मिलियन है, जिनमें से 2.5 मिलियन पीआईओ (भारतीय मूल के व्‍यक्ति) हैं, जबकि शेष 220967 अनिवासी भारतीय (एनआरआई) हैं (प्रवासी भारतीय मामलों का मंत्रालय, 2016)। दुनिया भर में रह रहे अनिवासी भारतीयों में से 9.11 फ़ीसदी अफ्रीका में रहते हैं।

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