इंफोसिस फाउंडेशन का रजिस्ट्रेशन गृह मंत्रालय ने किया रद्द
गृह मंत्रालय ने ग़ैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) इन्फोसिस फांडेशन के खिलाफ विदेशी चंदा प्राप्त करने के नियमों के कथित उल्लंघन के मामले में कार्रवाई करते हुए 13 मई 2019 को उसका पंजीकरण रद्द करने की घोषणा की।
गृह मंत्रालय के अनुसार, इंफोसिस फाउंडेशन को वर्ष 2018 में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। इंफोसिस द्वारा विदेशी धन की प्राप्ति और व्यय का पिछले कुछ वर्षों से वार्षिक ब्यौरा प्रस्तुत नहीं किया गया था। जिसके बाद यह क़दम उठाया गया है।
इस संदर्भ में इंफोसिस फाउंडेशन का कहना है कि पंजीकरण रद्द करवाने के लिए उसकी ओर से स्वयं ओवदन किया गया था जिसके बाद गृह मंत्रालय ने यह कार्रवाई की है। एफसीआरए में 2016 में किए गए संशोधन के बाद उनका संगठन इस अधिनियम के दायरे में नहीं आता है। विदित हो कि गृह मंत्रालय ने बीते वर्ष 1,755 एनजीओ को नोटिस जारी किये थे, जिनमें कुछ कंपनियां भी शामिल हैं।
विदेशी चंदा प्राप्त करने के नियम:
विदेशों से सहायता लेने वाले एनजीओ को विदेशी चंदा (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकरण कराना होता है। और ऐसे किसी भी चंदे का हिसाब-किताब, संगठन को प्रतिवर्ष वित्तवर्ष समाप्त होने के बाद नौ माह के भीतर सरकार को देना होता है।
इंफोसिस फाउंडेशन (Infosys Foundation):
समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के उद्देश्य से वर्ष 1996 में स्थापित इंफोसिस फाउंडेशन भारत में स्थित एक ग़ैर-लाभकारी संगठन है। यह फाउंडेशन शिक्षा, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य सेवा, कला और संस्कृति, तथा निराश्रितों की देखभाल के क्षेत्रों में कार्यक्रमों का समर्थन करने के साथ ही भारत में स्कूलों के साथ फाउंडेशन पार्टनर्स, और कम उम्र के बच्चों के बीच प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देता है। यह सामुदायिक विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ भी काम करता है।