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ईरानी सेना ‘रिवॉल्युशनरी गार्ड कॉर्प्स’को अमेरिका ने आतंकी संगठन घोषित किया

ईरान पर कई प्रतिबंध लगाने के बाद अमेरिका ने अब ईरान की सेना रिवॉल्युशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) को 08 अप्रैल 2019 को आतंकी संगठन घोषित कर दिया। यह पहली बार है जब अमेरिका ने दूसरे राष्ट्र की सेना को आतंकवादी संगठन करार दिया है।

इसके बाद ईरान द्वारा भी अमेरिका की ‘सेंट्रल कमांड’ को आतंकी संगठन घोषित कर दिया गया है। जबकि बहरीन ने अमेरिका के इस कदम का स्वागत किया है।

अमेरिका द्वारा यह कदम ईरान के विरुद्ध तथा सीरिया, लेबनान, इराक, यमन और इज़राइल विरोधी मिलिशिया गुटों को उसके समर्थन के लिए एक माह से अपनी आलोचना तेज़ करने के बाद उठाया गया है। अमेरिका आईआरजीसी और इससे जुड़े संस्थानों पर पहले से ही आतंकवाद को समर्थन देने और मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाता रहा है।

विदित हो कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अमेरिका और ईरान के बीच हुए अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते को समाप्त करने के बाद वाशिंगटन और तेहरान के बीच तनाव बढ़ गया है।

रिवॉल्युशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी):

आईआरजीसी ईरान के आर्म्ड फोर्स का हिस्सा है। इसका गठन 1979 में इस्लामी क्रांति के बाद किया गया था। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य नई सत्ता की सुरक्षा और आर्मी के साथ सत्ता संतुलन बनाना था। आईआरजीसी की कमान ईरान के सुप्रीम लीडर के हाथ में है। सुप्रीम लीडर देश के सशस्त्र बलों का सुप्रीम कमांडर भी है।

देश की पारंपरिक सैन्य इकाइयां सीमाओं की रक्षा करती हैं जबकि इसके विपरीत रिवॉल्युशनरी गार्ड देश में इस्लामी गणतंत्र प्रणाली की रक्षा करता है। माना जाता है कि यह संगठन ईरान की अर्थव्यवस्था के एक तिहाई हिस्से को नियंत्रित करता है। ईरान के मौलवियों ने एक नए क़ानून का मसौदा तैयार किया जिसमें नियमित आर्मी को देश की सरहद और आंतरिक सुरक्षा का ज़िम्मा दिया गया और रिवॉल्यूशनरी गार्ड को निज़ाम की हिफाज़त का काम दिया गया।

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