उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं के लिए अप्रेंटिसशिप एवं कौशल (श्रेयस) योजना की शुरुआत
युवाओं में को पढ़ाई के साथ रोज़गार के लिए तैयार करने हेतु कौशल विकास के ज़रिये उन्हें काबिल बनाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 27 फरवरी, 2019 को नई दिल्ली में ‘श्रेयस’ (स्कीम फॉर हायर एजुकेशन यूथ फॉर अप्रेंटिसशिप एंड स्किल) पोर्टल लॉन्च किया। इस योजना का संचालन कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) और श्रम मंत्रालय के समन्वय से किया जाएगा।
उद्देश्य:
इस योजना का उद्देश्य स्नातक की डिग्री पाने वाले छात्रों को उद्योग जगत में प्रशिक्षण का कोर्स कर उन्हें कौशल युक्त बनाकर उनमें कमाई का अवसर उपलब्ध कराते हुए रोजगार क्षमता बढ़ाना है। इसके आलावा, स्थायी आधार पर शिक्षा और उद्योग / सेवा क्षेत्रों के बीच घनिष्ठ कार्यात्मक संबंध बनाना, इंडस्ट्री को बेहतर कार्य शक्ति प्रदान करने के लिए कुशल कार्यकर्ताओं को तैयार करना तथा सरकार के प्रयासों को सुविधाजनक बनाने के साथ छात्र समुदाय को रोज़गार से जोड़ना भी इसके महत्त्वपूर्ण उद्देश्य हैं।
विशेषताएं:
- इस योजना के अंतर्गत देश के सभी विश्वविद्यालयों, कॉलेज, आईटीआई और पॉलिटेक्निक के छात्रों को रजिस्ट्रेशन करना होगा।
- प्रोफाइल के आधार पर छात्रों को छह, नौ या एक साल का प्रशिक्षण दिया जायेगा। वर्ष 2019 में लगभग तीन लाख छात्रों को इसके माध्यम से ट्रेनिंग दी जाएगी।
- प्रोग्राम के माध्यम से इंडस्ट्री द्वारा छात्रों को स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग आदि का पूरा प्रशिक्षण दिया जायेगा।
- यूजीसी, एआईसीटीई राज्यों समेत शिक्षण संस्थानों को पत्र लिखकर इसमें जुड़ने को कहा जायेगा। इंडस्ट्री को केंद्र सरकार की ओर से पैसे का भुगतान किया जाएगा।
योजना का संचालन
प्राथमिक योजना का संचालन राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (National Apprenticeship Promotion Scheme – NAPS) के साथ किया जाएगा जिसके तहत प्रत्येक व्यवसाय/ उद्योग में कुल कार्यबल के 10 फ़ीसदी तक अप्रेंटिस रखने का प्रावधान है। प्रारंभ में यह योजना बैंकिंग कौशल बीमा सेवा (बीएफएसआई), खुदरा, स्वास्थ्य सेवा, दूरसंचार, लॉजिस्टिक्स, मीडिया, प्रबंधन सेवा, आईटीईएस और परिधान क्षेत्र के सेक्टर स्किल काउंसिलों (एसएससी) द्वारा लागू की जाएगी।
योजना का कार्यान्वयन:
इस कार्यक्रम का कार्यान्वयन तीन ट्रैक पर साथ-साथ किया जाएगा।
- ट्रैक 1: एड-ऑन अप्रेंटिसशिप (डिग्री अप्रैंटिसशिप): इसके तहत जो छात्र वर्तमान में डिग्री प्रोग्राम पूरा कर रहे हैं उन्हें कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के सेक्टर स्किल काउंसिल द्वारा दी गई अप्रेंटिसशिप रोज़गार भूमिका की चयनित सूची में से अपनी पसंद की भूमिका चुनने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। अप्रेंटिसशिप अवधि के दौरान छात्र को उद्योग द्वारा लगभग 6,000 रुपये प्रति माह की स्कॉलरशिप दी जाएगी। अपरेंटिसशिप अवधि के अंत में संबंधित सेक्टर स्किल काउंसिल द्वारा एक परीक्षा आयोजित की जाएगी और सफल छात्रों को उनके डिग्री प्रमाण पत्र के अलावा कौशल प्रमाण-पत्र भी दिया जाएगा।
- ट्रैक 2: एंबेडेड अप्रेंटिसशिप: इसमें मौजूदा बी वीओसी कार्यक्रमों को बीए (व्यावसायिक), बीएससी (व्यावसायिक) या बीकॉम (व्यावसायिक) पाठ्यक्रमों में पुनर्गठित किया जाएगा जिसमें कौशल की आवश्यकता पर निर्भर 6 से 10 महीने की अनिवार्य अप्रेंटिसशिप भी शामिल होगी। इस अवधि के दौरान छात्र को उद्योग द्वारा लगभग 6,000 रुपये प्रति माह की स्कॉलरशिप मिलेगी। जिसमें से 25% राशि एनएपीएस कार्यक्रम के तहत की जाएगी।
- ट्रैक 3: राष्ट्रीय करियर सेवा को कॉलेजों से जोड़ना: इसके अंतर्गत श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय के राष्ट्रीय कैरियर सेवा (एनसीएस) पोर्टल को उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ जोड़ा जाएगा।
सभी ट्रैक के तहत 2022 तक कुल करीब 5,022 छात्रों को लाने का प्रस्ताव है।
