skip to Main Content

एनपीसीआई द्वारा ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करने की योजना

डिजिटल भुगतान को मज़बूत करने के लिये भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करने की योजना बनाई गई है।

ब्लॉकचेन तकनीक:

  • डेटा ब्लॉकों (आँकड़ों) की लंबी श्रृंखला को जोड़ने को ब्लॉकचेन कहा जाता है।
  • यह एक डिजिटल ‘सार्वजनिक बही-खाता’ (Public Ledger) है, जिसमें प्रत्येक लेन-देन का रिकॉर्ड दर्ज़ किया जाता है।
  • यह एक ऐसी तकनीक है जिससे बिटकॉइन तथा अन्य क्रिप्टो-करेंसियों का संचालन होता है।
  • इस तकनीक में तीन अलग-अलग तकनीकों का समायोजन है, जिसमें इंटरनेट, पर्सनल ‘की’ की क्रिप्टोग्राफी यानि जानकारी को गुप्त रखना और प्रोटोकॉल पर नियंत्रण रखना शामिल है।
  • इसके अंतर्गत नेटवर्क से जुड़े उपकरणों (मुख्यतः कंप्यूटर की श्रृंखलाओं, जिन्हें नोड्स कहा जाता है) के द्वारा सत्यापित होने के बाद प्रत्येक लेन-देन के विवरण को बही-खाते में रिकॉर्ड किया जाता है।
  • ब्लॉकचेन में एक बार किसी भी लेन-देन को दर्ज करने पर इसे न तो वहाँ से हटाया जा सकता है और न ही इसमें संशोधन किया जा सकता है।
  • ब्लॉकचेन के कारण लेन-देन के लिये एक विश्वसनीय तीसरी पार्टी जैसे-बैंक की आवश्यकता नहीं पड़ती।

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान प्रणाली (National Payment Corporation of India- NPCI):

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और भारतीय बैंक संघ (IBA) द्वारा भारत में भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (The Payment and Settlement Systems Act, 2007) के प्रावधानों के तहत एक मज़बूत भुगतान और निपटान अधोसंरचना बनाने के लिये स्थापित किया गया एनपीसीआई देश में सभी खुदरा भुगतान समाधान का शीर्ष संगठन है। इसके 10 प्रमुख प्रवर्तक बैंक- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, आई.सी.आई.सी.आई बैंक, एच.डी.एफ.सी बैंक, सिटी बैंक और एच.एस.बी.सी हैं। इसे कंपनी अधिनियम 1956 की धारा 25 के प्रावधानों के तहत “नॉट फॉर प्रॉफिट” (Not for Profit) कंपनी के रूप में शामिल किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top