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केंद्र द्वारा “ACROSS” की नौ उप-योजनाओं को मंज़ूरी

केन्द्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने ‘एटमॉस्‍फेयर एंड क्‍लाइमेट रिसर्च– मॉडलिंग ऑबज़र्विंग सिस्‍टम्‍स एंड सर्विसेज़’(ACROSS) की नौ उप-योजनाओं को वर्ष 2017 से 2020 तक की अवधि के दौरान जारी रखने हेतु अपनी मंज़ूरी दे दी। इन योजनाओं की अनुमानित लागत 1450 करोड़ रुपए है। यह प्रणाली चक्रवात, तूफान, गरज के साथ बारिश तथा तेज़ गर्मी आदि विभिन्‍न पहलुओं को देखती है।

इन योजनाओं का कार्यान्‍वयन पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा अपनी प्रमुख संस्थाओं यथा, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD), भारतीय उष्‍णकटिबंध मौसम विज्ञान संस्‍थान (IITM), नेशनल सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फॉरकास्टिंग (NCMRWF) और भारतीय राष्‍ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (INCOIS) के माध्‍यम से किया जाएगा।

9 उप-कार्यक्रमों से मिलकर बनी यह योजना बहु-विषयक और बहु-संस्‍थानीय स्‍वरूप की है तथा इसका उद्देश्‍य एक विश्वसनीय मौसम और जलवायु पूर्वानुमान प्रदान करना तथा कृषि-मौसमविज्ञान संबंधी सेवाएँ, विमानन सेवाएँ, पर्यावरण संबंधी निगरानी सेवाएँ, जल-मौसम विज्ञान संबंधी सेवाएँ, पर्यटन, तीर्थयात्रा, पर्वतारोहण जैसी सभी सेवाओं को अंतिम उपयोगकर्ता तक समय पर पहुँचाने के कार्य को सुनिश्चित करने हेतु सतत् अवलोकनों, गहन अनुसंधान विकास और प्रभावी विस्‍तार तथा संचार रणनीतियों को प्रभावी रूप से अपनाकर कुशलता में सुधार लाना है।

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