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दक्षिण कोरिया सरकार बदलेगी उम्र गिनने की पुरातन परंपरा

दक्षिण कोरिया द्वारा देश में उम्र गिनने की पुरानी परंपरा को बदलने के लिए चल रहे विरोध को देखते हुए सरकार द्वारा इसे ख़त्म करने के लिए संसद में प्रस्ताव लाने का निर्णय लिया गया है।

दरअसल कोरियाई सरकार संस्कृति के अनुसार, जब कोई बच्चा पैदा होता है, तो उसे एक वर्ष की उम्र का माना जाता है और उसकी उम्र, उसके जन्मदिन की सालगिरह के बजाय हर नए साल के दिन बढ़ती है। इस प्रकार, 31 दिसम्बर को जन्मे बच्चे, अपनी पैदाइश के अगले दिन दो वर्ष की उम्र के हो जाते हैं। इसलिए कोरियाई व्यक्ति की घोषित उम्र, पश्चिमी परंपरा में बताई जाने वाली उसकी उम्र से एक या दो साल ज़्यादा हो जाती है।

दक्षिण कोरिया में लोग इस परंपरा का विरोध कर रहे हैं। लोगों के अनुसार, वे पुरातन परंपरा से उम्र का दोहरापन ख़त्म करना चाहते हैं और वैश्विक स्तर पर लागू एक तरीके से उम्र की गिनती चाहते हैं। अभी वे दो उम्र के सहारे जी रहे हैं। इसे बदलने के लिए कोरियाई संसद में जल्द ही एक प्रस्ताव लाया जायेगा।

मुख्य बिंदु:

  • उम्र गिनने का यह तरीका चीन में शुरू हुआ था, लेकिन कोरिया में भी इसका इस्तेमाल किया जाने लगा।
  • स्पर्धा के दौर में चाहे खेल का मैदान हो या पढ़ाई, कोरियाई युवक किसी से पीछे न रहें, इसलिए इस परंपरा को खत्म कर लोग एक वैश्विक सिस्टम चाहते हैं।
  • उम्र गिनने की यह परंपरा पूर्व एशियाई देशों में चीन और जापान में भी थी। लेकिन बदलते समय के साथ इन देशों ने इसे समाप्त कर दिया।
  • केवल कोरिया ही इस परंपरा का इस्तेमाल कर रहा है।

ग़ौरतलब है कि कोरियाई लोग आमतौर पर अपनी परंपरा को बचाने के लिए काफी संजीदा माने जाते हैं, लेकिन इस प्रणाली का वे विरोध कर रहे हैं। लोगों का मानना है कि यह काफी पुरातन परंपरा है और समय बर्बाद कर रही है। कोरियाई सांसद ह्वांग जू हांग ने कहा कि इस मामले में हम संसद में जल्द संशोधन प्रस्ताव ला रहे हैं। इसमें हम उम्र गिनने की पुरानी परंपरा को ख़त्म कर देंगे।

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