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बारामूला, कश्मीर घाटी का पहला आतंक मुक्त (टेररिस्ट फ़्री) ज़िला बना

जम्मू-कश्मीर और सीआरपीएफ़ के संयुक्त ऑपरेशन ‘ऑपरेशन ऑल आउट’ में सुरक्षा बालों ने 23 जनवरी को बारामूला के साफ़ियाबाद में एक मुठभेड़ के दौरान तीन लश्कर आतंकियों को मार गिराया जिसके साथ ही बारामूला घटी का पहला आतंक मुक्त ज़िला बन गया। जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह द्वारा की गयी पुष्टि के अनुसार अब ज़िले में एक भी जीवित आतंकी नहीं बचा है।

ऑपरेशन के दौरान मारे गए इन आतंकियों की पहचान सुहैब फ़ारूक़ अखुन, नासिर अहमद दर्जी और मोहसिन मुश्ताक के रूप में हुई है। इनके पास से तीन एके-47 राइफल बरामद हुईं। इन तीनों आतंकियों पर ज़िले में ग्रेनेड हमले और तीन स्थानीय युवकों की हत्या में शामिल होने का आरोप था।

मुख्य तथ्य:

• बारामूला घाटी का आतंक-मुक्त होने वाला पहला ज़िला है।
• बीते दो सालों में सेना ने बारामूला में 50 आतंकियों को मार गिराया है।
• बारामूला को आतंकी संगठन हिजबुल का गढ़ भी माना जाता है।
• यद्यपि आतंकवाद से मुक्त होने वाला राज्य का पहला क़स्बा ‘कुलगाम’ है जिसे तत्कालीन उमर अब्दुल्लाह सरकार द्वारा आतंक मुक्त घोषित किया गया था।

दशकों से आतंक प्रभावित रहा बारामूला:

• बारामूला में 80 के दशक में आतंकवाद ने पैर पसारने शुरू किये थे।
• घाटी में आतंकवाद की शुरुआत बारामूला ज़िले से ही मानी जाती है।
• हिजबुल का गढ़ माने जाने वाले इस ज़िले में सेना ने दो सालों में 50 आतंकियों का सफाया किया है।

ऑपरेशन ऑल आउट:

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों का पूरी तरह से सफाया करने के लिए भारतीय सेना द्वारा “ऑपरेशन ऑल आउट” नामक अभियान चलाया गया जिसके तहत सेना ने दो सालों में 50 आतंकियों का सफाया किया। सेना वर्ष 2017 से राज्य में “ऑपरेशन ऑल आउट” चला रही है।

सुरक्षाबलों ने 4 सालों में 696 आतंकी मारे:

• पिछले 4 सालों में सुरक्षाबलों ने राज्य में 696 आतंकियों को मारा है।
• सेना ने वर्ष 2015 में 108, 2016 में 150, जबकि वर्ष 2017 में 213 आतंकियों को मारा था।
• सबसे ज़्यादा 225 आतंकी वर्ष 2018 में मारे गए थे।
• जबकि सेना ने 2017 में 97 और 2018 में 12 आतंकियों को जीवित पकड़ा था।
• घाटी में अभी भी 300 से भी ज़्यादा आतंकी सक्रीय हैं।

विदित हो कि ढाई वर्ष पूर्व 19 सितम्बर, 2016 को इसी ज़िले के उरी स्थित सेना कैम्प पर आतंकियों द्वारा हमला किया गया था जिसमें 16 जवान शहीद हो गए थे। तत्पश्चात सेना ने 29 सितम्बर की रात को पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकियों के सात टेरर लॉन्च पैड्स नष्ट कर दिए थे।

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