वर्ष 2019 का प्रित्ज़कर आर्किटेक्चर पुरस्कार जापान के अराता इसोजाकी ने जीता
जापान के प्रसिद्ध वास्तुकार (आर्किटेक्ट) अराता इसोजाकी को वर्ष 2019 के ‘प्रित्ज़कर आर्किटेक्चर पुरस्कार’ (Pritzker Architecture Prize) हेतु चयनित किया गया। इस सन्दर्भ में 5 मार्च, 2019 को घोषणा की गई। इसोजाकी यह पुरस्कार जीतने वाले 46वें व्यक्ति तथा आठवें जापानी वास्तुकार हैं।
इसोजाकी को यह सम्मान मई 2019 में फ्रांस के शैटॉ डी वर्सेल्स में दिया जायेगा। जिसमें उन्हें पुरस्कार स्वरूप एक लाख डॉलर की इनामी राशि तथा एक कांस्य पदक प्रदान किया जायेगा।
विदित हो कि वर्ष 2018 में यह पुरस्कार प्रसिद्ध भारतीय वास्तुकार बालकृष्ण दोशी को प्रदान किया गया था। दोशी यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रथम भारतीय हैं।
कौन हैं अराता इसोजाकी?
- छह दशकों से अधिक इस क्षेत्र में कार्यरत इसोजाकी एक प्रतिष्ठित वास्तुकार, सिटी प्लानर और सिद्धांतकार हैं। वर्ष 1954 में इन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ़ टोक्यो से स्नातक की डिग्री हासिल की थी।
- वर्ष 1986 में इसोजाकी ने वास्तुकला के लिए Royal Institute of British Architects (RIBA) की ओर से रॉयल गोल्ड मेडल तथा वेनिस आर्किटेक्चरल फेयर 1996 में लियोन डी ओरो से भी सम्मानित किया जा चुका है।
- इन्होंने म्यूज़ियम ऑफ़ कंटेम्पररी आर्ट (लॉस एंजलिस), पलाऊ सैंट जोर्डी इनडोर स्पोर्टिंग एरीना (बार्सिलोना), एलियांज टावर (मिलान), नेशनल कन्वेंशन सेंटर (क़तर), सेंटेनियल हॉल व किताक्युशी सेंट्रल लाइब्रेरी (जापान), M2 (ग्रीस) इत्यादि सहित एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, मध्य पूर्व और ऑस्ट्रेलिया में सौ से अधिक भवनों का आर्किटेक्चर तैयार किया है।
प्रित्ज़कर पुरस्कार के बारे में:
प्रित्ज़कर पुरस्कार आर्किटेक्चर के क्षेत्र में दिया जाने वाला सबसे बड़ा व प्रतिष्ठित पुरस्कार है। इसे ‘आर्किटेक्चर का नोबेल’ भी कहा जाता है। यह एक वार्षिक पुरस्कार है, यह पुरस्कार आर्किटेक्ट को बेहतरीन कार्य के लिए प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार की स्थापना शिकागो के प्रित्ज़क परिवार ने 1979 में हयात फाउंडेशन के द्वारा की थी। इससे पहले भारत के बालकृष्ण दोषी, सिडनी ओपेरा हाउस को डिजाईन करने वाले जोर्न उटज़ोन, ब्रिटिश-इराकी महिला वास्तुकार ज़ाहा हदीद तथा ब्राज़ील के ऑस्कर निएमेयेर को यह सम्मान प्रदान किया जा चुका है।