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संयुक्त राष्ट्र महासभा में यौन उत्पीड़न के विरुद्ध प्रस्ताव स्वीकृत

नवंबर 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की तीसरी समिति द्वारा यौन उत्पीड़न के विरुद्ध एक प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई जोकि विश्व निकाय में अपनी तरह का पहला प्रस्ताव है। समिति के अनुसार, यह प्रस्ताव यौन उत्पीड़न के विरुद्ध कदम पर एक आदर्श ढांचे के रूप में कार्य करता है।

यह प्रस्ताव बाध्यकारी नहीं है। इसमें सभी सदस्य देशों से महिलाओं और लड़कियों के विरुद्ध यौन उत्पीड़न रोकने, इसे समाप्त करने तथा इसे लेकर होने वाली सभी प्रकार की हिंसा से पीड़ितों की रक्षा करने की अपील की गई है। सदस्य राष्ट्रों से यौन उत्पीड़न सहित महिलाओं तथा लड़कियों के विरुद्ध हिंसा की निंदा करने और ऐसी हिंसा के उन्मूलन की नीति अपनाने तथा सभी महिलाओं और उनके यौन और प्रजनन स्वास्थ्य व प्रजनन अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है।

प्रस्ताव में कहा गया है कि महिलाओं को यौन उत्पीड़न से सुरक्षित रखने हेतु किसी भी प्रकार की प्रथा या परंपरा को बीच में नहीं लाना चाहिए। प्रस्ताव में सभी डिजिटल कम्पनियों को यौन उत्पीड़न को खत्म करने की दिशा में सकारात्मक उपायों को अपनाने के लिए भी कहा गया है।

विश्वभर के लोगों को प्रभावित करने वाले सामाजिक, मानवीय एवं सांस्कृतिक मामलों को संयुक्त राष्ट्र महासभा ‘तीसरी समिति’ को आवंटित करती है। ‘तीसरी समिति’ का एक महत्त्वपूर्ण कार्य महिलाओं की प्रगति, बच्चों के संरक्षण, घरेलू मामलों और शरणार्थियों से होने वाले व्यवहार के मामलों पर नज़र रखना भी है।

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