लक्ष्मी विलास बैंक और इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस के विलय को मिली मंज़ूरी
लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) तथा इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के विलय को हाल ही में मंज़ूरी प्रदान की गई है। विलय की गई इकाई का नाम इंडियाबुल्स लक्ष्मी विलास बैंक होगा और इसके बाद आकार में यह भारत के शीर्ष आठ निजी बैंकों में शामिल होगा। इसका ग्रॉस एनपीए 3.5% और नेट एनपीए 2% होगा जबकि सीआरआर 20.6% होगा। इसमें से 14.4% सीईटी 1 कैपिटल होगा।
ग़ौरतलब है कि लक्ष्मी विलास बैंक के बोर्ड ने 5 अप्रैल, 2019 को इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस के साथ विलय को मंज़ूरी दी थी। इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनैंस ने आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर एस एस मुंद्रा की अध्यक्षता में रि-ऑर्गनाइज़ेशन कमिटी का गठन किया है, जो इस विलय की प्रक्रिया को पूरा कराने का काम करेंगे।
मुख्य बिंदु:
- विलय के पश्चात् लक्ष्मी विलास बैंक के मंज़ूर योजना के तहत बैंक के शेयरधारकों को प्रति 100 शेयर के बदले इंडियाबुल्स के 14 शेयर दिए जायेंगे।
- इंडियाबुल्स के संस्थापक और अध्यक्ष समीर गहलोत द्वारा विलय के पश्चात् इकाई के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने की संभावना है।
- इंडियाबुल्स के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक गगन बंगा और एलवीबी के प्रबंध निदेशक पार्थसारथी मुखर्जी संयुक्त प्रबंध निदेशक होंगे।
- इस विलय से इंडियाबुल्स को सस्ता डिपॉज़िट हासिल होगा जिससे कंपनी को लंबे समय के लिए बेहतर विकास मिल सकेगा।
- इससे पूर्व वर्ष 2014 में भी लक्ष्मी विलास बैंक ने इंडियाबुल्स के साथ विलय की घोषणा की थी लेकिन उस समय भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इस विलय को नामंज़ूर कर दिया गया था।
विदित हो कि इससे पूर्व बंधन बैंक और गृह फाइनेंस का विलय हो चुका है, जो नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी है।