दिल्ली के AIIMS में खुलेगा भारत का पहला मल्टी-स्क्लेरोसिस क्लिनिक

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute Of Medical Science – AIIMS), नई दिल्ली “मल्टीपल स्क्लेरोसिस” (Multiple Sclerosis-MS) के बेहतर निदान और उपचार के लिये देश का पहला मल्टीपल स्क्लेरोसिस क्लिनिक (first Multiple Sclerosis (MS) clinic) खोलेगा।
एम्स द्वारा यह क्लिनिक जून 2019 के दूसरे सप्ताह में खोले जाने की सम्भावना है।
मल्टीपल स्क्लेरोसिस (Multiple Sclerosis-MS) रोग
- इस रोग में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ही माइलिन (वसायुक्त पदार्थ, जो तंत्रिका तंतुओं के चारों और स्थित होता है तथा आवरण के रूप में काम करता है), तंत्रिका तंतुओं तथा शरीर में माइलिन का निर्माण करने वाली विशेष कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाती है।
- यह बीमारी केंद्रीय तंत्रिका तंत्र, विशेष रूप से मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और दृष्टि से संबंधित नसों को प्रभावित करती है।
- इसके सामान्य लक्षणों के कारण अक्सर इस बीमारी की पहचान जल्दी नहीं हो पाती है जिससे इसके निदान में लंबा समय लग जाता है।
मल्टीपल स्क्लेरोसिस के प्रारंभिक संकेत
- मांसपेशियों की कमज़ोरी और अकड़न;
- मरीज़ को मूत्राशय में समस्या महसूस होना;
- बार-बार या अचानक मूत्राशय की आवश्यकता होना;
- मूत्राशय पर नियंत्रण का खत्म हो जाना;
- रीढ़ की हड्डी में क्षतिग्रस्त तंत्रिका तंतु;
- धुंधली या दोहरी दृष्टि की समस्या;
- भावनात्मक परिवर्तन और अवसाद, संज्ञानात्मक (निर्णय लेने में समस्या) नुकसान।
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भारत में इस क्लिनिक की आवश्यकता
ग़ौरतलब है कि मल्टीपल स्क्लेरोसिस नामक यह बीमारी पश्चिम के देशों में अधिक प्रचलित रही है, किन्तु हाल के दिनों में भारत में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं। इस बीमारी की चपेट में अधिकतर 20-40 वर्ष आयु वर्ग के वयस्क, विशेष रूप से महिलाएँ आती हैं। भारत में इस बीमारी के प्रति जागरुकता बढ़ाने, बड़े पैमाने पर इस महामारी के संबंध में अध्ययन करने, समर्पित मल्टीपल स्क्लेरोसिस क्लीनिक खोलने तथा इष्टतम पुनर्वास आदि जैसी अन्य सेवाओं की अत्यधिक आवश्यकता है।
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