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Ring of Fire Explained: रिंग ऑफ़ फायर में ही क्यों आते हैं सबसे ज़्यादा भूकंप? Kamchatka Earthquake..

Ring of Fire Explained Kamchatka Earthquake: क्यों रिंग ऑफ़ फायर में ही दुनिया के सबसे ज़्यादा भूकंप आते हैं। क्यों प्रशांत महासागर के किनारे बसे देशों में आते हैं अधिकांश भूकंप और क्या है ‘रिंग ऑफ फायर’ और कौन-कौन से देश इसके दायरे में आते हैं।

Ring of Fire – Kamchatka Earthquake: जुलाई 2025 में रूस (Russia) के कामचटका प्रायद्वीप (Kamchatka Peninsula) में एक भीषण भूकंप आया था जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 8.8 मापी गई। कामचटका (Kamchatka) में आए इस भूकंप को 1952 के बाद से अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप बताया जा रहा है। इस भूकंप का केंद्र ज़मीन से क़रीब 19.3 किलोमीटर गहराई में, समुद्र के नीचे था। कामचटका (Kamchatka) रूस (Russia) का एक प्रायद्वीप (Peninsula) है। यह रूस के सुदूर पूर्वी हिस्से में स्थित है और प्रशांत महासागर के किनारे साइबेरिया के पूर्वी छोर पर बसा हुआ है। कामचटका भौगोलिक रूप से रूस के मुख्य भूभाग से जुड़ा हुआ है। यह उत्तर में बेरिंग सागर, दक्षिण में जापान और पूर्व में प्रशांत महासागर से घिरा हुआ है।

कामचटका (Kamchatka) में क्यों आया इतना ज़ोरदार भूकंप (earthquake)?

Ring of Fire Kamchatka Earthquake: कामचटका प्रायद्वीप (Kamchatka Peninsula) रिंग ऑफ फायर (Ring of Fire) का हिस्सा है। दरअसल, रूस के कामचटका में इस भूकंप का मूल कारण है पृथ्वी की सतह के नीचे गहराई में स्थित टेक्टोनिक प्लेट्स का आपस में टकराना।

कामचटका प्रायद्वीप (Kamchatka Peninsula) उस क्षेत्र में आता है जहाँ धरती की परत की दो विशाल टेक्टोनिक प्लेट्स प्रशांत या पैसिफिक और नॉर्थ अमेरिकन प्लेट्स आपस में टकराती हैं।

लाखों-करोड़ों सालों से पैसिफिक प्लेट पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की तरफ़ बढ़ रही है और अपनी पड़ोसी प्लेट के नीचे खिसक रही है। इसे सबडक्शन या अवसादन कहा जाता है। इसी सबडक्शन और भ्रंश रेखाओं (fault lines) की वजह से यहाँ भूकंप आना सामान्य है। परिणामस्वरूप, समुद्र तल की यह हलचल सुनामी (Tsunami) लाती है।  

रिंग ऑफ़ फायर (Ring of Fire) क्या है?

What is Ring of Fire: यह सक्रिय और निष्क्रिय ज्वालामुखियों की एक विशाल पट्टी है जोकि प्रशांत महासागर के अधिकांश हिस्से में फैली हुई है। साइबेरिया से लेकर अलास्का तक का क्षेत्र भूकंप और सुनामी ज़ोन माना जाता है क्योंकि यह रिंग ऑफ फायर का हिस्सा है।

साइबेरिया रूस का उत्तरी हिस्सा है, जबकि अलास्का अमेरिका का सबसे उत्तरी राज्य है। इन दोनों इलाक़ों के बीच आर्कटिक सागर और बेरिंग सागर है। यह पूरा क्षेत्र प्रशांत महासागर के उत्तरी किनारे पर आता है। जहाँ पैसिफिक और नॉर्थ अमेरिकन प्लेट्स आपस में टकराती हैं, जो इसे भूकंप के लिये अतिसंवेदनशील इलाक़ा बनाती हैं क्योंकि इन प्लेट्स की गतिविधियों के कारण भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट आम बात है। यह क्षेत्र रिंग ऑफ फायर का हिस्सा है।

यह क्षेत्र कई टेक्टोनिक प्लेट्स (जैसे पैसिफिक प्लेट, नाज़का प्लेट और फिलीपींस प्लेट) के संगम स्थल पर मौजूद है। ‘रिंग ऑफ फायर’ प्रशांत महासागर के चारों ओर का एक भौगोलिक क्षेत्र है, जो भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियों के लिए जाना जाता है। यह प्रशांत महासागर के चारों ओर फैला है और इसके तटीय इलाक़ों को जोड़ता है। इसके अलावा, इसे पैसिफ़िक रिम या सर्कम पैसिफ़िक बेल्ट भी कहा जाता है।

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रिंग ऑफ़ फायर की लंबाई और इसमें आने वाले देश

रिंग ऑफ़ फायर पूरी तरह से एक गोलाकार वलय नहीं है। घोड़े की नाल (horseshoe-shaped) के आकार का यह क्षेत्र तक़रीबन 40 हज़ार किलोमीटर (25,000 मील) लंबा है, जिसमें रूस, जापान, इंडोनेशिया, फिलीपींस, न्यूज़ीलैंड, चिली, पेरू, मेक्सिको और संयुक्त राज्य अमेरिका (अलास्का और कैलिफोर्निया) जैसे कई देश आते हैं।

दुनिया के 75% ज्वालामुखियों का घर

रिंग ऑफ़ फ़ायर प्रशांत महासागर के किनारों पर स्थित ज्वालामुखियों और भूकंपीय गतिविधियों या भूकंपों के स्थलों की एक श्रृंखला है। दुनिया के लगभग 75% ज्वालामुखी इसी क्षेत्र में हैं, जबकि विश्व में आने वाले क़रीब 90% भूकंप इसी ‘रिंग ऑफ़ फायर’ के आस-पास आते हैं।

रिंग ऑफ़ फायर के पश्चिमी और पूर्वी छोर

नेशनल जियोग्राफ़िक के मुताबिक, 452 ज्वालामुखियों की एक श्रृंखला दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी सिरे से शुरू होकर उत्तरी अमेरिका के तट के साथ-साथ, बेरिंग जलडमरूमध्य के पार, जापान से होते हुए न्यूज़ीलैंड तक फैली हुई है।

रिंग ऑफ़ फ़ायर के अधिकांश सक्रिय ज्वालामुखी, रूस के कामचटका प्रायद्वीप से लेकर जापान और दक्षिण-पूर्व एशिया के द्वीपों से होते हुए न्यूज़ीलैंड तक, इसके पश्चिमी किनारे पर पाए जाते हैं।

इसके अलावा, रिंग ऑफ़ फ़ायर के पूर्वी भाग में भी कई सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्र हैं, जिनमें अलेउतियन द्वीप समूह (Aleutian Islands), पश्चिमी अमेरिका में कैस्केड पर्वत (Cascade Mountains), ट्रांस-मैक्सिकन ज्वालामुखी बेल्ट और एंडीज़ पर्वत शामिल हैं।  

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रिंग ऑफ़ फ़ायर के सबसे सक्रीय और ख़तरनाक ज्वालामुखी

न्यूज़ीलैंड का माउंट रुआपेहू (Mount Ruapehu) रिंग ऑफ़ फ़ायर (Ring of Fire के सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है, जिसमें हर साल छोटे-मोटे विस्फोट होते हैं और लगभग हर 50 साल में बड़े विस्फोट होते हैं। वहीं पोपोकाटेपेटल (Popocatépetl), रिंग ऑफ़ फ़ायर के सबसे ख़तरनाक ज्वालामुखियों में से एक है। यह पर्वत मेक्सिको के सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है, जिसके 1519 से अब तक 15 विस्फोट दर्ज किए गए हैं। यह ज्वालामुखी ट्रांस-मैक्सिकन ज्वालामुखी बेल्ट पर स्थित है, जो छोटी कोकोस प्लेट (Cocos Plate) के उत्तरी अमेरिकी प्लेट के नीचे धँसने का परिणाम है।

इसके अलावा, जापान का सबसे ऊँचा और सबसे प्रसिद्ध पर्वत, माउंट फ़ूजी, रिंग ऑफ़ फ़ायर में एक सक्रिय ज्वालामुखी है। माउंट फ़ूजी एक “ट्रिपल जंक्शन” पर स्थित है, जहाँ तीन टेक्टोनिक प्लेट्स (Amur Plate, Okhotsk Plate और Philippine Plate) आपस में मिलती हैं। इसके अलावा, इंडोनेशिया का क्रकटोआ ज्वालामुखी भी इसी क्षेत्र में आता हैं।

Mariana Trench is a deep-sea trench in the floor of the western North Pacific Ocean.

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मारियाना ट्रेंच (Mariana Trench) भी है शामिल

रिंग ऑफ फायर में मारियाना ट्रेंच (Mariana Trench) भी शामिल है, जोकि सबसे गहरी ज्ञात महासागरीय खाई है। मारियाना ट्रेंच पश्चिमी उत्तरी प्रशांत महासागर की तलहटी में स्थित एक गहरी समुद्री खाई है। यह मारियाना द्वीप समूह (Mariana Islands) से लगभग 124 मील (200 किलोमीटर) पूर्व में स्थित है। मारियाना ट्रेंच की लंबाई 1,580 मील (2,540 किलोमीटर) से भी अधिक है, जबकि इसकी औसत चौड़ाई 43 मील (69 किलोमीटर) है। मारियाना ट्रेंच उत्तरी मारियाना द्वीप समूह (Northern Mariana Islands) और गुआम (Guam) के अमेरिकी आश्रित क्षेत्रों (U.S. dependencies) के भीतर स्थित है। इसे 2009 में अमेरिकी राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया गया था।  

टेक्टोनिक प्लेट्स (Tectonic plates) क्या होती हैं?

टेक्टोनिक प्लेट्स (Tectonic plates) पृथ्वी की पपड़ी (Earth’s crust) के विशाल खंड होते हैं जो गति करते हैं और परस्पर क्रिया करते हैं, जिससे भूकंप आते हैं। पृथ्वी की सतह लगभग 15 प्रमुख टेक्टोनिक प्लेट्स में विभाजित है। यह प्लेट्स स्थलमंडल का हिस्सा हैं, जिसमें भूपर्पटी और मेंटल का ऊपरी भाग शामिल है।

यह चट्टान की बड़ी और अनियमित आकार की परतें होती हैं, जो पृथ्वी की पपड़ी और ऊपरी मेंटल का निर्माण करती हैं। यह एस्थेनोस्फीयर नामक अर्ध-तरल परत पर तैरती हैं। समुद्र और धरती इन्हीं प्लेट्स पर मौजूद हैं। भूकंप तब आते हैं जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं, अलग होती हैं, या एक-दूसरे के ऊपर से खिसकती हैं, जिससे भूकंपीय तरंगों के रूप में ऊर्जा निकलती है जिससे ज़मीन हिलती है, मतलब भूकंप आते हैं, ज्वालामुखी बनते हैं और पर्वतों का निर्माण होता है।

जिन सीमाओं पर प्लेट्स मिलती हैं उन्हें भ्रंश रेखाएँ (fault lines) कहा जाता है और यहीं पर सबसे अधिक भूकंप आते हैं।

भूकंप के केंद्र को क्या कहते हैं?

वह बिंदु जहाँ भूकंप उत्पन्न होता है, उसे हाइपोसेंटर (hypocenter) कहा जाता है, और सतह (surface) पर उसके ठीक ऊपर स्थित बिंदु को एपिसेंटर (epicenter) कहा जाता है।

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