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इंसानों के कारण 1700 जीव प्रजातियों के विलुप्त होने की आशंका: अध्ययन

मनुष्य के स्वार्थ के कारण 1700 जीव प्रजातियों के विलुप्त होने का ख़तरा मंडरा सकता है। मनुष्य द्वारा लगातार बढ़ते भूमि प्रयोग के चलते अन्य जीवों का प्राकृतिक आवास छिन रहा है जिसकी वजह से 1700 जीव प्रजातियों के आगामी 50 वर्षों में विलुप्त होने की आशंका जताई गयी है।

पत्रिका ‘नेचर क्लाइमेट चेंज’ में प्रकाशित एक अध्ययन में यह बात कही गई है कि मनुष्य द्वारा लगातार बढ़ रहे भूमि इस्तेमाल का खामियाजा अन्य जीवों को भुगतना पड़ सकता है।

दरअसल, इसके कारण अन्य जीवों का प्राकृतिक आवास कम हो रहा है और इसी वजह से जीवों की 1700 प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा है।

अध्ययन के मुख्य बिंदु:

  • अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक़ वर्ष 2070 तक इन प्रजातियों का करीब 30 से 50 प्रतिशत प्राकृतिक आवास छिन सकता है।
  • अध्ययन में यह भी पाया गया कि मनुष्यों द्वारा भूमि प्रयोग बढ़ाए जाने से आगामी 50 वर्षों में 1700 प्रजातियों पर विलुप्त होने का ख़तरा बढ़ने की आशंका है।
  • अमेरिका स्थित येल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर वाल्टर जेट्स के अनुसार, विश्लेषण से यह पता चला कि वैश्विक भूमि प्रयोग से जुड़े राजनीतिक एवं आर्थिक निर्णयों के कारण विश्वभर में जीवों का प्राकृतिक आवास कितना कम होने की आशंका है।

विदित हो कि नेचर पत्रिका ब्रिटेन की एक प्रमुख वैज्ञानिक पत्रिका है। यह पहली बार 4 नवम्बर, 1869 को प्रकाशित हुई थी। वैज्ञानिक अनुसंधान के ऐसे अनेक क्षेत्र हैं जिनमें किये जाने वाले नए और महत्वपूर्ण विकासों की जानकारी तथा शोध-सम्बन्धी मूल-लेख अथवा पत्र इस पत्रिका में प्रकाशित किये जाते हैं। इस पत्रिका का शुमार विश्व की अंतर्विषय वैज्ञानिक पत्रिकाओं में सबसे उच्च स्थान पर किया जाता है।

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