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ग्रामीण स्टार्टअप इकाइयों के लिए नाबार्ड ने बनाया 700 करोड़ रुपये का कोष

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) बैंक ने कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र की स्टार्टअप कंपनियों में इक्विटी निवेश के लिए 13 मई, 2019 को 100 मिलियन डॉलर (700 करोड़ रुपये) के उद्यम पूंजी कोष की घोषणा की। यह कोष नाबार्ड की अनुषंगी कंपनी नैबवेंचर्स (NABVENTURES Ltd) ने प्रस्तुत किया है। इस कोष से भारत में कृषि , खाद्य एवं ग्रामीण आजीविका जैसे क्षेत्रों में निवेश तंत्र को बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है।

प्रमुख बिंदु:

  • यह पहली बार है जब नाबार्ड द्वारा अपना कोष पेश किया गया है। नाबार्ड अभी तक अन्य कोषों में योगदान करता है।
  • नाबार्ड की अनुषंगी कंपनी नैबवेंचर्स द्वारा प्रस्तुत इस कोष का नाम ‘ नैबवेंचर्स फंड-I’ है।
  • नाबार्ड ने इसके लिए 500 करोड़ रुपये की पूंजी का प्रस्ताव किया है। साथ ही ओवर-सब्सक्रिप्शन हेतु 200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी का भी विकल्प किया गया है।
  • यह कोष कृषि , खाद्य और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में काम करने वाली स्टार्टअप कंपनियों में निवेश करेगा।
  • इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार का सृजन भी हो सकेगा।
  • नाबार्ड अब तक 16 वैकल्पिक निवेश कोष में 273 करोड़ रुपये का योगदान कर चुका है।

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (National Bank for Agriculture and Rural DevelopmentNABARD):
नाबार्ड बैंक की स्थापना शिवरामन समिति की सिफारिशों के आधार पर 12 जुलाई, 1982 को की गयी थी। यह ग्रामीणों को उनके विकास एवं आर्थिक रूप से उनकी जीवन स्तर सुधारने के लिए उनको ऋण उपलब्‍ध कराता है। यह बैंक मुख्य रूप से कृषि वित्त/ऋण सम्बन्धी कार्य करता है। नाबार्ड ग्रामीण क्षेत्रों में विकास तथा आर्थिक उन्नति के लिए ऋण की व्यवस्था करवाता है। भारत के अग्रणी विकास बैंकों में से एक नाबार्ड को कृषि ऋण से जुड़े क्षेत्रों में, योजना और परिचालन के नीतिगत मामलों में तथा भारत के ग्रामीण अंचल की अन्य आर्थिक गतिविधियों हेतु मान्यता प्रदान की गयी है। इसका मुख्यालय महाराष्ट्र के मुम्बई में स्थित है।

This Post Has One Comment
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