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दिल्ली के करोल बाग के एक होटल में लगी आग, 17 लोगों की मौत

दिल्ली के करोल बाग स्थित अर्पित पैलेस होटल में 12 फरवरी, 2019 को सुबह करीब साढ़े तीन बजे भीषण आग लग गई जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। मरने वालों में तीन विदेशी भी शामिल हैं। पांच मंज़िला इस इमारत में 46 कमरे हैं जिनमें से 37 कमरों में 53 लोग ठहरे हुए थे। मेट्रो के पिलर नंबर 99 के क़रीब स्थित इस होटल में रूफ़टॉप रेस्त्रां भी था जो इस घटना में जलकर पूरी तरह ख़ाक हो गया।

सभी पीड़ितों को राम मनोहर लोहिया और लेडी हार्डिंग अस्पताल ले जाया गया। मरने वालों में सात की उम्र 50 से अधिक है। मृतकों में एक बच्चा भी शामिल है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि वे इस आग दुर्घटना से बहुत दुखी हैं। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की।

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने घटनास्थल का दौरा किया और मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए साथ ही मृतकों के परिवार वालों को सहायता राशि के रूप में 5-5 लाख रुपए देने की भी घोषणा की।

पुलिस द्वारा होटल के जनरल मैनेजर राजेन्द्र और मैनेजर विकास को गिरफ़्तार कर लिया गया है जबकि होटल का मालिक शरदइंदु गोयल हादसे के बाद से ही फ़रार है। पुलिस ने उसके ख़िलाफ़ ग़ैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया है।

पांच घंटे लगे आग बुझाने में:

आग लगने के लगभग सवा घंटे बाद दमकल विभाग को हादसे की सूचना पहुंची तब तक आग भयावह रूप ले चुकी थी। बचाव अभियान में 25 दमकल गाड़ियों और 100 कर्मियों की मदद से कई घंटे की मशक्क़त के बाद सुबह 8:30 बजे आग पर क़ाबू पाया गया। इस ऑपरेशन के दौरान दमकलकर्मियों ने हाईड्रोलिक क्रेन की सहायता से 35 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। होटल वाले रस्ते पर पुलिस बेरिकेडिंग की वजह से दमकलगाड़ियों को होटल तक पहुँचने में कुछ देरी का सामना करना पड़ा।

दमकल विभाग के अनुसार, होटल में लगी आग को बुझाने में क़रीब पांच घंटे लगे। हादसे में ज़्यादातर मौतें धुएं के कारण दम घुटने से हुईं। होटल में ठहरे एक असिस्टेंट इनकम टैक्स कमिश्नर समेत तीन लोग जान बचाने के लिए चौथी मंज़िल से नीचे कूद पड़े जिनमें से सिर्फ एक महिला बाक़ी बची, बाक़ी दो लोगों की मौत हो गई। महिला विदेशी थी। पेट्रोटेक-2019 में आये दो अधिकारियों की भी इस आग हादसे में मौत हो गयी।

म्यांमार के 7 बौद्धयात्री भी होटल में ठहरे हुए थे जिनमें से एक घायल है। इनकी महिला गाइड ने होटल से कूदकर अपनी जान बचाई।

केरल से आये 13 लोग ग़ाज़ियाबाद में एक शादी में शामिल होने के चलते यहाँ ठहरे हुए थे। इनमें से एक ही परिवार के तीन लोगों की दुर्घटना में मौत हो गयी।

आग होटल के चौथे फ्लोर से लगी थी और दूसरे फ्लोर तक फैल गई। आग से ग्राउंड फ्लोर और बेसमेंट को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।

अवैध रूप से बना था रूफटॉप रेस्त्रां:

इस होटल में बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर के अलावा चार और मंज़िलें थीं। होटल की बिल्डिंग को ग्राउंड फ्लोर के अलावा तीन मंज़िल ही बनाने की अनुमति दी गयी थी। साल 2005 में इसे एक गेस्ट हाउस के तौर पर फायर एनओसी दी गई थी। लेकिन अब यह बेसमेंट के साथ एक छह मंज़िला होटल के रूप में चल रहा था। इसमें शामिल इसकी छत पर एक अस्थायी रेस्त्रां भी अवैध रूप से बनाया गया था जो इस घटना में जलकर पूरी तरह ख़ाक हो गया।

हादसे के कारण:

• फायर अलार्म ख़राब था जिसके चलते लोगों को हादसे का वक़्त पर पता नहीं चल सका।

• जनरेटर का इस्तेमाल हो रहा था।

• आपातकालीन द्वार पर ताला लगा होने के कारण भी लोग बचने के लिए रास्ता नहीं खोज सके।

• होटल के फ्लोर पर लकड़ी का जबकि दीवारों पर फाईबर का काम हुआ था।

• रेस्त्रां पर फाईबर की छत बनी हुई थी जिस ने जल्दी आग पकड़ ली।

• दिल्ली सरकार द्वारा इस मामले में बिल्डिंग बायलॉज के नियमों का पालन न होने की बात कहकर जांच के आदेश दिए गए हैं।

• अधिकारियों के मुताबिक़ प्रतिबन्ध के बावजूद यहाँ जनरेटर का इस्तेमाल हो रहा था। दिल्ली में जनरेटर के प्रयोग पर प्रतिबन्ध है। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के मुताबिक़ मंगलवार रात को होटल की लाइट चले जाने की वजह से यहाँ जनरेटर चल रहा था। जनरेटर ओवरलोड हो गया जिस कारण एक कमरे का एसी फट गया और आग धधक उठी।

दिल्ली सरकार द्वारा अपने सत्ता में चार वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 12 फरवरी, 2019 को आयोजित कार्यक्रम को इस हादसे की वजह से स्थगित कर दिया गया। इसमें विशाल डडलानी का लाइव कॉन्सर्ट शो था।

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