असम की तर्ज़ पर नागालैंड भी तैयार करेगा राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC)
नागालैंड सरकार द्वारा भी असम सरकार की तर्ज़ पर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (National Register of Citizens-NRC) तैयार करने का निर्णय लिया गया है। राज्य के स्थानीय निवासियों की पहचान के मामले में नागालैंड के स्थानीय नागरिकों का रजिस्टर (Register of Indigenous Inhabitants of Nagaland- RIIN) तैयार करने के लिए 29 जून, 2019 को राज्य के गृह आयुक्त ने एक अधिसूचना जारी की।
लक्ष्य
RIIN का लक्ष्य जाली निवास पत्रों की जाँच करना एवं भारतीय स्थानीय नागरिकों की पहचान कर एक सूची तैयार करना है।
मुख्य बिंदु
- इस हेतु सरकार द्वारा नामित टीम 10 जुलाई, 2019 से शहरी एवं ग्रामीण वार्डों में सर्वेक्षण प्रारंभ करेगी। इसे प्रत्येक ज़िला प्रशासन की देख-रेख में तैयार किया जाएगा।
- स्थानीय और गैर-स्थानीय लोगों के बारे में जानकारी एकत्र करने हेतु 60 दिनों की समय सीमा तय की गई है।
- ग्रामीण एवं वार्ड स्तर पर प्रत्येक परिवार के सदस्य को मूल निवास के आधार पर सूचीबद्ध किया जाएगा और परिवार के ऐसे सदस्य, जो किसी अन्य स्थान पर रहते हैं, का उल्लेख भी सूची में किया जाएगा।
- सूची के प्रारूप में ‘स्थायी निवास और वर्तमान निवास’ का उल्लेख अलग-अलग किया जाएगा। अगर कहीं आधार नंबर उपलब्ध है तो उसे भी दर्ज किया जाएगा।
- ये अस्थाई सूचियाँ गाँवों, वार्डों के साथ ही ज़िले और राज्य सरकार की वेबसाइटों पर भी प्रकाशित की जाएंगी। किसी भी दावे तथा आपत्तियों के लिए 10 अक्तूबर तक का समय दिया जाएगा। ज़िला प्रशासन के पर्यवेक्षण में, ग्राम और वार्ड अधिकारियों द्वारा प्रमाणित सूची को संबंधित गाँवों और वार्डों में प्रकाशित किया जाएगा। साथ ही इस सूची पर शहरी एवं ग्रामीण अधिकारियों के अलावा संबंधित टीम के भी हस्ताक्षर होंगे।
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राज्य सरकार द्वारा Deputy Commissioners को दिए गए आदेश-
- ग्राम परिषद् के अध्यक्षों, ग्राम विकास बोर्ड सचिवों, वार्ड अधिकारियों,जनजातीय होहो (Tribal Hohos), चर्च अधिकारियों और गैर-सरकारी संगठनों से संवाद स्थापित किया जाए।
- अधिसूचना के प्रकाशन के एक सप्ताह के भीतर टीमों का नाम गठित किया जाए।
- टीमों के बारे में सभी जानकारियों को सार्वजनिक किया जाए।
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क्या है राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) ?
इस रजिस्टर के अंतर्गत सभी भारतीय नागरिकों का विवरण शामिल किया जाता है। इसमें केवल उन भारतीयों के नाम को शामिल किया जा रहा है जो कि 25 मार्च, 1971 के पहले से असम में रह रहे हैं। उसके बाद राज्य में पहुँचने वालों को बांग्लादेश वापस भेज दिया जाएगा। ग़ौरतलब है कि NRC रिपोर्ट उन्हीं राज्यों में लागू होती है जहाँ से अन्य देश के नागरिकों के भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने का ख़तरा बना रहता है। इस रजिस्टर को 1951 की जनगणना के बाद तैयार किया गया था। इसमें उस जनगणना के दौरान गणना किये गए सभी व्यक्तियों का विवरण शामिल था।
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सरकार के अनुसार, RINN की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद किसी भी स्थानीय निवासी को प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया जाएगा तथा राज्य के स्थानीय निवासियों से जन्म लेने वाले बच्चों को ही जन्म प्रमाण-पत्र के साथ निवास प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा।
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