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उत्तर प्रदेश सरकार ने 17 OBC जातियों को SC में शामिल किया

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पिछड़ी जातियों को लेकर एक बड़ी घोषणा की है। घोषणा के तहत प्रदेश की 17 पिछड़ी जातियों (OBC) को अनुसूचित जातियों (SC) की सूची में शामिल किया गया है। इस आशय का निर्णय 28 जून, 2019 को लिया गया। इसके पश्चात् ज़िला अधिकारियों को इन 17 जातियों के परिवारों को जाति प्रमाण-पत्र जारी करने हेतु निर्देश जारी किये गए।  

सूची में शामिल (17 OBC) जातियां

इस सूची में निषाद, बिंद, मल्लाह, केवट, कश्यप, भर, धीवर, बाथम, मछुआ, प्रजापति, राजभर, कहार, कुम्हार, धीमर, मांझी, तुहा और गौड़ जातियों को शामिल किया गया है। ये जातियां पहले अन्य पिछड़ी जातियां (ओबीसी) वर्ग का हिस्सा थीं। अब इन 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र दिया जाएगा। इन 17 जाति समूहों द्वारा पिछले कई वर्षों से इसकी मांग की जा रही थी।

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विधानसभा चुनावों में हो सकता है फ़ायदा

ग़ौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की 12 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को फायदा होने की उम्मीद जताई जा सकती है। कुछ दिनों में ही राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में सरकार का यह फैसला पिछड़ी जातियों को लुभाने के तौर पर देखा जा रहा है।   

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पहली सरकारों द्वारा भी की जा चुकी है कोशिश

यह तीसरी बार है जब राज्य सरकार द्वारा इन 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित वर्ग में शामिल करने की कोशिश की गई है। लेकिन कानूनी हस्तक्षेप के कारण पिछली सरकारें ऐसा करने में विफल रहीं।

समाजवादी पार्टी (सपा): इससे पहले, समाजवादी पार्टी (सपा) के मुलायम सिंह यादव के शासनकाल में 2004 में पहली बार इस सन्दर्भ में प्रस्ताव पेश किया गया था। तत्कालीन सपा सरकार ने पिछड़े वर्ग की 17 जातियों को अनुसूचित वर्ग में शामिल करने के लिए उप्र लोक सेवा अधिनियम, 1994 में संशोधन किया था। बाद में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस कदम को असंवैधानिक और व्यर्थ घोषित करते हुए फैसले को रद्द कर दिया। 2012 में एक और प्रयास अखिलेश यादव ने किया जिसका मक़सद राज्य की 17 से अधिक पिछड़ी उप-जातियों को हिस्सा बनाना शामिल था। इस मामले को केंद्र ने ख़ारिज कर दिया था।   

बहुजन समाज पार्टी (बसपा): मायावती की बसपा सरकार ने इस विचार का विरोध किया और बदले हुए परिदृश्य में अनुसूचित कोटा में वृद्धि की मांग की थी।

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