विश्व के सबसे बड़े विमान स्ट्रैटोलॉन्च ने पहली बार उड़ान भरी
कैलिफोर्निया में विश्व के सबसे बड़े विमान “स्ट्रैटोलॉन्च” (Stratolaunch) ने 13 अप्रैल, 2019 को परीक्षण के लिए पहली बार उड़ान भरी। यह विमान हवा में क़रीब ढाई घंटे तक रहा। इसका परीक्षण मोजावे रेगिस्तान के ऊपर किया गया।
इस विमान का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष में सेटेलाइट को छोड़ने से पहले 10 किलोमीटर तक उड़ना है। इस विमान को सेटेलाइट के लॉन्च पैड के रूप में तैयार किया गया है।
मुख्य बिंदु:
- अपने परीक्षण के दौरान दो फ्यूसिलेज वाला यह विमान 17 हज़ार फ़ीट की ऊंचाई पर 304 किमी. प्रति घंटे की रफ़्तार से ढाई घंटे तक उड़ा।
- इस विमान में छह बोइंग 747 इंजन लगे हुए हैं। यह विमान इतना बड़ा है कि इसके पंख का फैलाव एक फुटबॉल मैदान से भी अधिक है।
- यह अंतरिक्ष में रॉकेट ले जाने वाला पहला विशाल विमान बन गया है।
- कार्बन फाइबर से बने इस विमान में 28 पहिए लगे हैं। इस विमान की ऊंचाई पचास फीट है।
- यह विमान होवर्ड ह्यूजेस के H-4 हर्क्युलिस और सोवियन दौर के कार्गो प्लेन एन्टोनोव एन-225 से भी बड़ा है। इसका वज़न लगभग सवा दो लाख किलो है।
- स्ट्रैटोलॉन्च विमान का निर्माण अंतरिक्ष में रॉकेट ले जाने और छोड़ने के लिए किया गया है।
- इस विमान के ज़रिये 227 टन वज़न तक के रॉकेट व उपग्रह को 35 हज़ार फीट तक की ऊंचाई पर लॉन्च किया जा सकता है।
- इससे उपग्रह छोड़ने का ख़र्च भी कम हो जाएगा।
- वर्ष 2020 तक स्ट्रैटोलॉन्च के ज़रिये पहला रॉकेट लॉन्च करने का लक्ष्य रखा गया है।
विदित हो कि माइक्रोसॉफ़्ट के सह-संस्थापक पॉल एलन ने 2011 में स्ट्रैटोलॉन्च प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। एलन ने इस प्रोजेक्ट में निवेश किया था।