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अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) की स्थापना के 20 वर्ष पूर्ण

अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) ने अंतरिक्ष में 20 नवम्बर, 2018 को अपनी स्थापना के 20 वर्ष पूरे कर लिए। नासा द्वारा तैयार इस केंद्र को 20 नवंबर, 1998 को अंतरिक्ष में स्थापित किया गया था। 17,500 मील प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी का चक्कर लगा रहा यह स्टेशन पृथ्वी से अंतरिक्ष में भेजी गई अब तक की सबसे बड़ी वस्तु है जिसे पृथ्वी की निकटवर्ती कक्षा में स्थापित किया गया है।

आईएसएस अंतरिक्ष में स्थित एक वेधशाला के तौर पर कार्य करता है।

अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) :

  • पृथ्वी के अधिकतर हिस्से से बिना किसी उपकरण के देखा जा सकने वाला यह स्टेशन आकार में किसी फुटबाल मैदान जितना बड़ा है।
  • आईएसएस का प्रत्येक हिस्सा स्वयं में एक यान है जिसे वैज्ञानिकों की भाषा में ‘मॉड्यूल’ कहा जाता है। ये मॉड्यूल आपस में रोबोटिक तरीके से जुड़े रहते हैं और इनके किसी हिस्से में आई गड़बड़ी को स्वत: तरीके से ठीक कर लिया जाता है।
  • इस केंद्र के पहले हिस्से को 20 नवंबर, 1998 को भेजा गया था तत्पश्चात रूस ने अपना हिस्सा भेजा और एक के बाद पहुंचे हिस्सों को अंतरिक्ष में ही जोड़कर एक स्टेशन तैयार किया गया।
  • इसे बनाने में रशियन फेडरल स्पेस एजेंसी (आरकेए), जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जेएएक्सए), कनेडियन स्पेस एजेंसी (सीएसए) तथा यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ईएसए) अमेरिकी एजेंसी नासा के साथ काम कर रही हैं। ब्राज़ीलियन स्पेस एजेंसी (एईबी) तथा इटली की इटालियन स्पेस एजेंसी (एएसआई) भी कुछ अलग अनुबंधों के तहत इसके साथ कार्यरत हैं।
  • आईएसएस का संचालन प्रमुख रूप से अमेरिका तथा रूस के पास है। वर्ष 2010 तक आईएसएस के रखरखाव पर क़रीब 150 अरब डॉलर व्यय किया जा चुका था जिसमें सबसे बड़ा हिस्सा नासा द्वारा वहन किया गया।
  • जापान, कनाडा व अन्य सदस्य देशों द्वारा भी इस हेतु सहायता प्रदान की जाती है।
  • आईएसएस के रख-रखाव तथा अनुसंधान कार्यों के लिए रूस द्वारा वर्ष 2024 तक का जबकि अमेरिका द्वारा वर्ष 2025 तक का बजट पारित किया गया है।

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