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लाल ग्रह की सतह पर उतरा नासा का “इनसाइट”

नासा द्वारा लाल ग्रह के अध्ययन के लिये भेजा गया “इनसाइट” मिशन 26 नवंबर, 2018 को मंगल ग्रह की सतह पर उतर गया। इस दौरान “इनसाइट” ने लगभग 7 माह तक अंतरिक्ष में यात्रा की और लगभग 300 मिलियन मील की दूरी तय की। यह अगले 2 वर्षों तक लाल ग्रह की सतह का अध्ययन करेगा।

ऐसा पहली बार है जब दो एक्सपेरिमेंटल सैटेलाइट्स ने किसी अंतरिक्षयान का पीछा करते हुए उस पर नज़र रखी। ये दोनों सैटेलाइट्स इनसाइट से 6 हज़ार मील पीछे चल रहे थे।

“इनसाइट” (INSIGHT) मिशन:

  • “इनसाइट” का पूर्ण रूप “इंटीरियर एक्सप्लोरेशन यूज़िंग सीस्मिक इन्वेस्टिगेशंस जियोडेसी एंड हीट ट्रांसपोर्ट” (Interior Exploration Using Seismic Investigations, Geodesy and Heat Transport)  है।
  • इसका वज़न 360 किग्रा. (880 पौंड) है।
  • नासा द्वारा लॉन्च किया गया यह 21वाँ मंगल मिशन है। वहीँ दूसरी ओर, वर्ष 2012 में ‘क्यूरियोसिटी रोवर’ के बाद मंगल पर उतरने वाला यह नासा का पहला अंतरिक्ष यान है।
  • “इनसाइट” लाल ग्रह के “इलीसियम प्लैनीशिया” (Elysium Planitia) नामक एक सपाट स्थान पर उतरा था।
  • सौर ऊर्जा और बैटरी से चलने वाला यह यान 26 महीने तक कार्य करने हेतु डिज़ाइन किया गया है।
  • यह यान ग्रह की आतंरिक संरचना का अध्ययन करने तथा ग्रह पर भूकंप की जाँच हेतु अति संवेदनशील सिस्मोमीटर (Seismometer) का इस्तेमाल कर ग्रह की आंतरिक स्थिति के बारे में जानकारी इकट्ठा करेगा। यह सिस्मोमीटर फ्राँस के नेशनल स्पेस सेंटर द्वारा विकसित किया गया है।
  • इसके अतिरिक्त यान में आँकड़ों के संग्रहण हेतु कई प्रकार के संवदेनशील उपकरणों को लगाया गया है।

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