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एशिया की सबसे वज़नी 42 वर्षीय महिला की सर्जरी कर 214 किलो वज़न किया कम

एशिया की सबसे वज़नी महिला अमिता राजानी की हाल ही में 20 डॉक्टरों की टीम ने बेरियाट्रिक सर्जरी की जिससे उनका वज़न अब 300 किलोग्राम से घट कर 86 किलोग्राम हो गया है। लीलावती अस्पताल और हिंदुजा हेल्थकेयर सर्जिकल अस्पताल में लेप्रो ओबेसो सेंटर के संस्थापक डॉ. शशांक शाह ने बताया कि चार साल में दो चरणों में हुई सर्जरी के बाद अमिता का वज़न घटाने में सफलता मिली है।

डॉक्टरों की इस सफलता को अब लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराने की कोशिश की जा रही है।

अमिता ने कहा कि पहले मेरी जिंदगी बिस्तर तक ही सीमित थी। अब मैं आजाद हूं। मुझे खुशी है कि मैं अब अपने पसंद के कपड़े पहनने के साथ ही अकेले घूम-फिर सकती हूं। अमिता का वज़न जब 300 किग्रा. था, तब वह अपने हाथ से खाना तक नहीं खा सकती थीं।

2015 और 2017 में हो चुकी हैं दो सर्जरी: 
42 वर्षीय अमिता को सुपर मॉर्बिड ओबेसिटी के साथ ही कोलेस्ट्रॉल, गुर्दे की अक्रियाशीलता, टाइप-2 डायबिटीज और सांस लेने में परेशानी सहित कई बीमारियां थीं। 2015 में उसकी पहली मेटाबॉलिक सर्जरी की गई। इसके बाद अमिता का वज़न कुछ घटा था और वे बिना किसी की सहायता के चलने फिरने लगी थीं। इसके बाद 2017 में इनकी दूसरी गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी की गई थी।

 

क़रीब पौने घंटे चली सर्जरी:
डॉक्टरों के मुताबिक़, पहली सर्जरी से पहले अमिता का वज़न 300 किलोग्राम था और दूसरी सर्जरी के वक्त 140 किग्रा वजन था। अमिता की पहली सर्जरी करीब आधे घंटे चली। जिसमें 4 सहायक सर्जन, 2 एनेस्थेटिस्ट, 2 नर्स, 8 वार्ड बॉय, फिज़िशियन, चेस्ट फिज़िशियन, एक आईसीयू डॉक्टर और एक किडनी के डॉक्टर उपस्थित थे। दूसरी सर्जरी के समय वज़न क़रीब 150 किलोग्राम कम हो जाने की वजह से इतने डॉक्टरों की ज़रूरत नहीं पड़ी और सर्जरी पौने घंटे चली।

ग़ौरतलब है कि अमिता की बेरियाट्रिक सर्जरी करने वाले 20 डॉक्टरों की टीम के प्रमुख डॉ. शशांक शाह इससे पहले ब्रिटेन के एक ऐसे ही मरीज़ की सर्जरी कर चुके हैं। ब्रिटेन के उस मरीज का वज़न 310 किलो था।

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