skip to Main Content

बधिरों के लिए आईएसएल शब्दकोश का दूसरा संस्करण लॉन्च

केन्द्रीय सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्री थावरचंद गेहलोत ने बधिर लोगों के लिए 27 फरवरी, 2019 को आईएसएल (इंडियन साईन लेंग्वेज) शब्दकोश का दूसरा संस्करण लॉन्च किया। यह शब्दकोश बधिर समुदाय के लोगों के सुझावों और समझ के आधार पर तैयार किया गया है।

इस शब्दकोश को सामाजिक न्याय व आधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के अंतर्गत कार्यरत इंडियन साईन लेंग्वेज रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर (आईएसएलआरटीसी) द्वारा तैयार किया गया है। इससे पूर्व पहले संस्करण को 23 मार्च, 2018 को लॉन्च किया गया था जिसमें 3000 शब्द थे।

आईएसएलआरटीसी ने शब्दकोश निर्माण के लिए 7-9 फरवरी, 2018 और 22-24 जनवरी, 2019 को दो कार्यशाला आयोजित की थीं जिसमें पूरे देश के बधिर प्रतिभागियों ने अपने सुझाव रखे थे।

उद्देश्य:

इस शब्दकोश के निर्माण का उद्देश्य आईएसएल के उपयोग को बढ़ाना है जिससे बधिर व्यक्तियों को शिक्षा तथा रोज़गार के बेहतर अवसर प्रदान हो सकें। यह शब्दकोश आईएसएल शिक्षकों, आईएसएल छात्रों, भाषा संकेतकों ,बधिर व्यक्तियों और शोध करने वालों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगा। यह ईएसएलआरटीसी के यू-ट्यूब चैनल पर भी उपलब्ध है। इस चैनल में लगभग 1000 वीडियो हैं।

इंडियन साईन लेंग्वेज (आईएसएल) शब्दकोश की विशेषताएं:

  • इस शब्दकोश में शिक्षा, कानून, चिकित्सा, तकनीक आदि विषयों के 6000 शब्द हैं।
  • इससे कोई भी व्यक्ति इस शब्दकोश को पढ़कर मूक-बधिरों के संकेतों को समझ सकेगा और उनसे संवाद स्थापित कर सकेगा।
  • सांकेतिक भाषा के प्रत्येक संकेत को एक स्केच या कार्टून के माध्यम से तथा शब्दों और वाक्यों में भी बताया जायेगा।
  • इसमें अंग्रेज़ी और हिन्दी संकेतों की सूची दी गई है।

विदित हो कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 50.71 लाख बधिर व्यक्ति हैं। इस शब्दकोश के निर्माण का लक्ष्य आईएसएल के उपयोग को बढ़ाव देना तथा बधिर व्यक्तियों को शिक्षा और रोज़गार के बेहतर अवसर प्रदान करना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top