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भारत में 2030 तक ऑटो परिवहन सेवाओं को पूर्णतया विद्युत संचालित बनाने का लक्ष्य

ऑटोमोबाइल उद्योग भारत का तेज़ी से प्रगति कर रहा उद्योग है। भारत ने 2030 तक देश में आटो परिवहन सेवाओं को पूरी तरह से विद्युत संचालित बनाने का लक्ष्‍य रखा है। इस उद्योग को सुविधाजनक बनाने और विकसित करने के लिए भारत सरकार द्वारा व्यापक क़दम उठाये जा रहे हैं।

राष्ट्रीय ऑटोमोटिव परीक्षण और अनुसंधान एवं विकास बुनियादी ढांचा परियोजना (एनएटीआरआईपी) के तहत देश में स्थापित अत्याधुनिक परीक्षण केन्‍द्र – आईसीएटी सख्‍त नियामक ढांचे और बाजार के अनुरूप प्रौद्योगिकी में आ रहे नित बदलाव की पृष्ठभूमि में मोटर वाहन उद्योग की आवश्यकताओं की पूर्ति की दिशा में सरकार द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।

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देश के जीडीपी में ऑटोमोबाइल उद्योग की हिस्सेदारी 7.5 प्रतिशत से अधिक की है। आईसीएटी मोटर वाहन क्षेत्र के लिए काफी महत्‍व रखता है। अपने विश्‍वस्‍तीय बुनियादी ढांचे और उद्योग विशेषज्ञता के साथ यह विकास, परीक्षण, सत्यापन और होमोलॉगेशन में अपनी सेवाएं प्रदान करता है।

मुख्य बिंदु:

  • देश के जीडीपी में ऑटोमोबाइल उद्योग की हिस्सेदारी 7.5 प्रतिशत से अधिक की है।
  • आईसीएटी की प्रयोगशालाओं ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भी परीक्षण और अन्‍य सभी तरह की सुविधाएं उपलब्‍ध कराने का काम शुरू कर दिया है।
  • भारत के उत्‍तरी हिस्‍से में स्थि‍त ऑटोमोबाइल उद्योग के हब मानेसर में स्‍थापित आइसीएटी भारत सरकार का मोटर वाहन परीक्षण,अनुसंधान एंव विकास गतिविधियों से जुड़ी सेवाएं प्रदान करने वाला एक विश्‍वस्‍तरीय केन्‍द्र है।
  • आईसीएटी में अत्‍या‍धुनिक विश्‍वस्‍तरीय परीक्षण सुविधाएं उपलब्‍ध हैं।
  • केंद्र के पास विश्वस्तरीय टायर परीक्षण सुविधाएं हैं, जो ग्राहकों को गुणवत्ता और तेज सेवाएं देने के लिए अत्यधिक कुशल और अनुभवी टीम द्वारा संचालित और प्रबंधित हैं।
  • आईसीएटी का उद्देश्‍य ऑटो उद्योग के साथ मिलकर अत्‍याधुनिक प्रौद्योगिकी विकसित करते हुए एशिया में एक अग्रणी अनुसंधान और विकास केंद्र के रूप में स्वयं को स्‍थापित करना है।

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