भुखमरी से यमन में 70 लाख बच्चों की दयनीय स्थिति: यूनिसेफ
यमन में बच्चों की दयनीय स्थति पर संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाल आपात कोष (यूनिसेफ) द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, यमन में 70 लाख से भी अधिक बच्चे गंभीर भुखमरी का सामना कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसे विश्व का सबसे बदतर मानवीय संकट करार दिया गया है। यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार,
- यमन 100 वर्षों के सबसे बड़े अकाल से गुज़र रहा है, जिसमें सर्वाधिक रूप से बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। इस कारण देशभर में वर्ष 2015 से अब तक छह हज़ार बच्चे मारे जा चुके हैं या गंभीर रूप से परेशान हैं।
- यमन की दो तिहाई (लगभग 64.5 फ़ीसदी) से अधिक जनसंख्या को नहीं पता कि उन्हें अगले वक्त का भोजन मिलेगा या नहीं।
- देश में एक करोड़ 40 लाख से अधिक लोगों में आधे से ज़्यादा बच्चे और इसके अतिरिक्त एक लाख बच्चे खाने को लेकर असुरक्षित हैं।
- भूख के कारण लगभग 20 लाख महिलाओं को यहाँ बेहद खतरनाक स्थिति का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं करीब 11 लाख महिलाएं ऐसी हैं जिन्हें एक वक्त का खाना भी मयस्सर है।
- परिवारों को सामान्य सुविधाओं जैसे भोजन व स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए हर पल संघर्ष करना पड़ रहा है।
- संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी इस रिपोर्ट में, यमन के क़रीब दो करोड़ 22 लाख नागरिकों को भोजन की अत्यंत आवश्यकता है, जिसमें लगभग 84 लाख लोगों के गंभीर भुखमरी के शिकार होने की चेतावनी दी गयी है।
यमन में खाद्य संकट:
संयुक्त राष्ट्र द्वारा पहले अकाल में 1.1 करोड़ लोगों के प्रभावित होने की बात कही थी किन्तु अब 1.4 करोड़ लोग इस भयंकर अकाल की चपेट में आ सकते हैं। यमन में चल रहे इस भीषण खाद्य संकट के कारण अब तक हज़ारों लोग काल का ग्रास बन चुके हैं।