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हिमाचल की नदियों को प्रदूषित करने पर लगेगा 1 लाख रुपए का जुर्माना

हिमाचल प्रदेश में अब यदि कोई नदियों को प्रदूषित करते हुए पकड़ा जाता है तो उससे एक लाख रुपए जुर्माना वसूला जाएगा। जुर्माने की रकम सारे मापदंडों को ध्यान में रखते हुए तय की जाएगी। इससे जुर्माने की यह रकम घट और बढ़ भी सकती है। राज्य में यह क़ानून 2 अप्रैल, 2019 से लागू होगा।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इन नदियों की मॉनिटरिंग की जाएगी और चैकिंग के दौरान यदि कोई नदियों को प्रदूषित करते हुए पाया गया तो उस पर उसी समय जुर्माना लगाया जाएगा।

एनजीटी के आदेशों के बाद प्रदेश में गठित रिवर रिजुविनेशन कमेटी ने नदियों को दूषित होने से बचाने के लिए तैयार की गई रिपोर्ट को 1 अप्रैल, 2019 को एसीएस पर्यावरण आरडी धीमान की अध्यक्षता वाली कमेटी ने मंज़ूरी दी। इस कमेटी में उद्योग, शहरी विकास विभाग, पर्यावरण विभाग के निदेशक और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव शामिल थे।

राज्य की दूषित नदियाँ:

पहले चरण में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दूषित सात नदियों की मॉनिटरिंग करेगा। इसमें अश्वनी, गिरी, पब्बर, मारकंडा, सुखना, सिरसा और ब्यास नदियां शामिल हैं। ये नदियां औद्योगिक क्षेत्र बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़, कलाअम्ब, पॉवटा और संसारपुर टैरिस में स्थापित औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले गंदे पानी की निकासी के कारण दूषित हो चुकी हैं। इस पर नज़र रखने के लिए संबंधित विभागों की तैयार रिपोर्ट को लागू कर दिया गया है।

विदित हो कि राज्य की इन सात नदियों में बीओडी (बायो ऑक्सीजनडीमास) की मात्रा 3 से अधिक पाई गई है जिसके चलते इन नदियों के पानी का ना पीने के योग्य रह गया है और ना ही खेती में सिंचाई के लिए। इसी के मद्देनज़र एनजीटी द्वारा सरकार को इन नदियों को दूषित होने से बचने के लिए एक्शन प्लान तैयार करने को कहा गया था जिसे आज से लागू कर दिया गया है।

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