नजमा अख्तर बनीं जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी की पहली महिला कुलपति
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध शैक्षिक प्रशासक प्रोफसर नजमा अख्तर को 11 अप्रैल, 2019 को जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही वे इस संस्थान की पहली महिला कुलपति बन गई हैं।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 11 अप्रैल को पांच साल के लिए इस पद पर नजमा अख्तर के नाम को मंजूरी दी थी।
पिछले साल तलत अहमद के कश्मीर विश्वविद्यालय के प्रमुख के तौर पर जाने के बाद से जामिया में कुलपति का पद रिक्त था। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के इतिहास में यह पहला अवसर है जब किसी महिला को कुलपति के पद पर नियुक्त किया गया हो। जामिया मिल्लिया इस्लामिया की स्थापना 1920 में की गई थी। बता दें कि, मणिपुर की राज्यपाल नजपा हेपतुल्ला जामिया की कुलाधिपति हैं।
प्रोफसर नजमा अख्तर:
- नजमा को एनआईईपीए (National Institute of Educational Planning and Administration – NIEPA) में 15 से अधिक वर्षों के लिए 130 देशों के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक प्रशासकों के पाठ्यक्रम की खोज करने के लिए जाना जाता है।
- अख्तर ने प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संस्थानों जैसे वारविक और नॉटिंघम यूके और IIEP पेरिस (UNESCO) से पढ़ाई की है।
- विश्वविद्यालय जीवन में एक स्वर्ण पदक विजेता रह चुकीं नजमा अख्तर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध शैक्षिक प्रशासक हैं।
- इन्होंने राष्ट्रमंडल छात्रवृत्ति और प्रतिष्ठित राष्ट्रीय विज्ञान प्रतिभा छात्रवृत्ति अर्जित की।
- इन्होंने अपने शुरुआती करियर में एक छात्र के रूप में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में अलग पहचान बनाई।
- इनके पास एजुकेशनल लीडरशिप में चार दशक की एकेडमिक स्कॉलरशिप है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा तीन विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्त किए गए हैं। जिनमें जामिया मिलिया इस्लामिया, मोतिहारी में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय और वर्धा में महात्मा गांधी अंर्तराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय शामिल हैं। नजमा अख्तर को जामिया की, संजीव शर्मा और रजनीश कुमार शुक्ला को क्रमशः मोतिहारी केंद्रीय विश्वविद्यालय और वर्धा के महात्मा गांधी संस्करण में शीर्ष पद के लिए मंज़ूरी दी गई है।