‘लोकतंत्र के स्वर’ तथा ‘रिपब्लिकन एथिक’ पुस्तकों का विमोचन

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने 06 सितंबर, 2019 को नई दिल्ली के प्रवासी भारतीय केन्द्र में आयोजित एक समारोह में ‘लोकतंत्र के स्वर’ (खंड-2) और ‘रिपब्लिकन एथिक’ (खंड-2) नामक दो पुस्तकों का विमोचन किया। इन पुस्तकों को सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रकाशन विभाग द्वारा प्रकाशित किया गया है।
मुख्य तथ्य
- ये दोनों पुस्तकें राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के कार्यकाल के दूसरे वर्ष (जुलाई 2018 से जुलाई 2019) में दिए गए 95 भाषणों का संकलन (books of selected Speeches) हैं।
- उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि राष्ट्रपति के भाषण देश के विज़न, आकांक्षाओं और स्वभाव तथा नए भारत की रूपरेखा का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- उन्होंने कहा कि ये पुस्तकें राष्ट्रपति के विवेक तथा दूरदर्शी विश्व दृष्टि का संकलन हैं।
- ई-मोड के पाठकों की मांगे पूरी करने के लिए दोनों पुस्तकों को किंडल तथा ऐप स्टोर जैसे सभी ई-प्लेटफ़ॉर्म से खरीदा जा सकता है।
- राष्ट्रपति के भाषणों से वसुधैव कुटुम्बकम का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि पूरा विश्व एक परिवार है और दूसरे देशों से झगड़ने का कोई कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि इसी दर्शन के कारण भारत ने किसी देश पर हमला नहीं किया है। लेकिन यदि कोई देश हम पर आक्रमण करता है तो भारत माकूल जवाब देगा, जिसे आक्रमणकारी देश जीवनभर भूल नहीं सकता।
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राष्ट्रपति के भाषण को आठ श्रेणियों में बांटा गया है-
- एड्रेसिंग द नेशन
- विंडोज़ टू द वर्ल्ड
- एडुकेटिंग इंडियाः इक्यूपिंग इंडिया
- धर्म ऑफ पब्लिक सर्विस
- ऑनरिंग ऑवर सेंटीनल्स
- स्पिरिट ऑफ कान्स्टिट्यूशन एंड लॉ
- एकनॉलेजिंग एक्सेलेंस’ तथा महात्मा गांधीः मोरल एकजेम्पलर
- गाइडिंग लाईट ।
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