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स्कॉर्पीन वर्ग की चौथी पनडुब्बी आईएनएस वेला हुई लॉन्च

भारतीय नौसेना के लिए मझगांव डॉक शिपबिल्‍डर्स लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा तैयार चौथी स्कॉर्पीन वर्ग की पनडुब्‍बी ‘वेला’ (Scorpene-class Submarine ‘Vela’) को 06 मई 2019 को मुंबई में लॉन्च किया गया। ग़ौरतलब है कि इससे पहले जनवरी 2019 में नौसेना ने करंज पनडुब्बी को लॉन्च किया था।

इस पनडुब्‍बी का निर्माण मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत किया जा रहा है। रक्षा मंत्रालय के इस महत्वाकांक्षी सामरिक साझेदारी मॉडल के तहत नौसेना के लिए 6 अत्याधुनिक पनडुब्बियां हासिल करने में लगभग 45 हज़ार करोड़ रुपये की लागत आएगी। इन कंपनियों में अडानी डिफेंस, लार्सन एंड टुब्रो और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड शामिल हैं।



वेलापनडुब्बी (‘VelaSubmarine):
वेला पनडुब्‍बी को नौका-सेतू से उसे अलग करने के लिए मुम्‍बई पोर्ट ट्रस्‍ट लाया गया। पनडुब्‍बी का बंदरगाह और समुद्र में कठिन परीक्षण और जांच की जायेगी, उसके बाद ही इसे भारतीय नौसेना को सौंपा जायेगा। भारत द्वारा कुल छह स्कॉर्पीन पनडुब्बियां पानी में उतारने की योजना बनाई गई है जिनमें से ‘वेला’ चौथी है। सूत्रों के मुताबिक़, बाकी बची दो पनडुब्बियां, आईएनएस वागीर और आईएनएस वागशीर पर काम चल रहा है और जल्द ही ये भी समुद्र में उतारी जाएँगी।

स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों की विशेषता:

  • स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियां डीज़ल-इलेक्ट्रिक से चलने वाली पनडुब्बियों का एक वर्ग है।
  • इस श्रेणी की पनडुब्बियां किसी आधुनिक पनडुब्बी के सभी कार्य करने में सक्षम है, जिसमें एंटी-सर्फेस और एंटी-सबमरीन युद्ध शामिल हैं।
  • स्कॉर्पीन श्रेणी की सभी पनडुब्बियां 67.50 मीटर लंबी और 12.30 मीटर ऊंची हैं।
  • 35 नाविकों और आठ अधिकारियों के चालक दल की क्षमता वाली ये पनडुब्बियां 50 दिनों तक समुद्र में रह सकती हैं।
  • ये पानी के भीतर 37 किमी. प्रति घंटे (20 समुद्री मील) जबकि पानी के ऊपर 20 किमी. प्रति घंटे (11 समुद्री मील) की गति से यात्रा करने में सक्षम हैं।
  • स्कॉर्पीन पनडुब्बियां विभिन्न प्रकार के मिशनों में हिस्सा ले सकती हैं, जिसमें एंटी सर्फेस वॉर, एंटी सबमरीन वॉर, इंटेलीजेंस गैदरिंग, माइन लगाना आदि शामिल हैं।

स्‍कॉर्पिन वर्ग की छह पनडुब्बियों के निर्माण और तकनीक हस्‍तांतरण के लिए फ्रांस की कंपनी नेवल ग्रुप को सहयोगी कंपनी के रूप में ठेका दिया गया है और इसका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्‍डर्स लिमिटेड (एमडीएल) कर रही है।



मझगांव डॉक शिपबिल्‍डर्स लिमिटेड (Mazagon Dock Shipbuilders Limited):
एमडीएल भारत की प्रमुख जहाज़ निर्माण कंपनी है और यह भारतीय नौसेना की आवश्यकताओं को पूरा करती है। वर्तमान में एमडीएल में 8 युद्ध पोत और 5 पनडुब्बियों का निर्माण कार्य चल रहा है। कमोडोर राकेश आनंद एमडीएल के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक हैं। स्‍कॉर्पिन परियोजना तथा तकनीकी हस्‍तांतरण के अनुभव और उन्‍नत इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर के साथ एमडीएल भविष्‍य में और पनडुब्‍बी निर्माण का कार्य करने को तैयार है। आईएनएस वेला का उद्घाटन इस साल अब तक की एमडीएल की प्रमुख उपलब्धि है।




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