हाल ही में चर्चा में रही किताब “एन अनसर्टेन ग्लोरी”
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ज्यां ड्रेज़ (Jean Drèze) की किताब “एन अनसर्टेन ग्लोरी”( An Uncertain Glory) हाल ही में चर्चा में रही। इस पुस्तक में भारत और चीन के उद्योग क्षेत्र में कामगारों की आय की तुलना की गई है। किताब में कहा गे है कि 1981 में बेसिक आय यदि 100 रुपए मासिक थी तो यह 1989 तक दोनों ही देशों में यह बराबर रही। वर्ष 2005 में चीनी कामगारों की मासिक आय 700 रुपए थी जबकि भारत में यह आंकड़ा मुश्किल से 150 रुपए तक पहुँच सका।
दरअसल, हाल ही में “यूनिवर्सल बेसिक इनकम” (UBI) चर्चा में आई है। विकसित देशों में 16वीं शताब्दी से ही यूबीआई विषय पर चर्चा शुरू हो गई थी। इसी दौरान विचारक थॉमस मोर ने इंग्लैंड में चोरी-डकैती पर रोक लगाने के लिए यूबीआई की सिफारिश की थी। यूबीआई का प्रस्ताव पहली बार 1526 में बेल्जियम में दिया गया था। 1526 में जोहानस लूडोविकस वाइव्स (Johannes Ludovicus Vives) ने बेल्जियम के ब्रुग शहर में इसका विचार रखा था। बड़े-बड़े विचारकों जैसे थॉमस मोर, थॉमस पेन, जॉन मिल और बर्ट्रेंड रसेल ने भी इस सिद्धांत की वकालत की। तब से लेकर अब तक अमेरिका सहित विश्व के अनेक देशों में इसे पूरी तरह या टुकड़ों में लागू करने की सिफारिशें होती रही हैं।
ज्यां ड्रेज़ (Jean Drèze):
ज्यां ड्रेज़ का जन्म सन 1959 में बेल्जियम में हुआ था। इन्होंने भारत में रोज़गार, महिलाओं की स्थिति और भूख जैसे विषयों पर अपने अनुभव अमर्त्य सेन के साथ साझा किए। उसके बाद दोनों अर्थशास्त्रियों ने मिलकर एक किताब ‘हंगर एंड पब्लिक एक्शन’ लिखने का निर्णय लिया। किताब लिखने के लिए ज्यां को अमर्त्य सेन के पास लंदन जाना पड़ा। इस दौरान ज्यां ने वहां अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर ‘बैलग्राव होमलेस प्रोजेक्ट’ शुरू किया। साधारण जीवन जीने की प्रेरणा ज्यां को लंदन में ही मिली। 1992 में भारत वापस आकर दिल्ली के स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में पढ़ाना शुरू कर दिया। ज्यां पिछले चार दशकों से भारत में झुग्गी-बस्तियों में आम लोगों के साथ रहते हैं।
ज्यां ने भारत के नई दिल्ली स्थित भारतीय सांख्यिकी संस्थान से अर्थशास्त्र में पीएचडी (theoretical economics of cost-benefit analysis) की है। वर्ष 1979 से ये भारत में रह रहे हैं। 2002 में इन्होंने भारतीय नागरिकता ली। ज्यां ने भारतीय शिक्षिका और मानवाधिकार कार्यकर्त्ता बेला भाटिया से शादी की है।