COVID-19 : हेलिकॉप्टर मनी (Helicopter Money)

COVID-19 के चलते तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने अपने राज्य में लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया है साथ ही सरकार से हेलिकॉप्टर मनी (Helicopter Money) प्रोग्राम शुरू करने की मांग की है।
वर्तमान में जब पूरा विश्व कोरोना के कारण आर्थिक संकट की समस्या से जूझ रहा है तो ऐसे में भारत पर भी इस संकट का प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। कोरोना को लेकर लगातार बढ़ते जा रहे लॉकडाउन के कारण इसका आर्थिक गतिविधियों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है और इस वजह से देश को भारी नुकसान हो रहा है, जिसके चलते प्रत्येक क्षेत्र से वित्तीय पैकेज की मांग की जा रही है। ऐसे में तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से हेलिकॉप्टर मनी जारी करने की मांग की है।
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हेलिकॉप्टर मनी (Helicopter Money) क्या है?
पूरे विश्व में इन दिनों हेलिकॉप्टर मनी की चर्चा हो रही है। गहराते आर्थिक संकट के बीच जब लोगों को इस उम्मीद से मुफ़्त में पैसे बांटे जाते हैं कि इससे उनका ख़र्च और उपभोग बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था सुधरेगी, तो इसे ही ‘हेलिकॉप्टर मनी’ (Helicopter Money) कहते हैं।
साधारण शब्दों में कहें तो ऐसे में जब कोरोना वायरस की वजह से आप घर में क्वारंटाइन हों और अचानक आपको बालकनी से एक हेलिकॉप्टर से नोट बरसाए जाते हुए दिखें, तो अर्थशास्त्री इस स्थिति को ही ‘हेलिकॉप्टर मनी’ या ‘मॉनेट्री हेलिकॉप्टर’ कहते हैं।
अर्थव्यवस्था के संदर्भ में इस शब्द का अर्थ अपरंपरागत तौर पर आर्थिक नीति में बड़ा बदलाव करना और बड़े पैमाने पर नोटों को छापना और उसे वृद्धि हेतु बाज़ार में लगाना है। हेलिकॉप्टर मनी का पहली बार प्रयोग साल 1969 में नोबेल पुरस्कार विजेता अमेरिकी अर्थशास्त्री मिल्टन फ्रीडमैन (Milton Friedman) ने किया था। फ्रीडमैन के अनुसार हेलिकॉप्टर मनी का अर्थ है- “केंद्रीय बैंक नोट छापे और सरकार उसे ख़र्च कर दे” ।
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हेलिकॉप्टर मनी (Helicopter Money) प्रोग्राम की ख़ासियत
- इसमें देश का सेंट्रल बैंक बड़े पैमाने पर नोटों की छपाई करता है और सरकार को देता है।
- इसकी ख़ासियत यह है कि सरकार को यह पैसा रिफंड नहीं करना पड़ता है अर्थात् इस प्रोग्राम के तहत सरकार को मिला पैसा उसे सेंट्रल बैंक को रिफंड नहीं करना पड़ता है।
- इस प्रोग्राम की मदद से इकॉनमी में लिक्विडिटी बढ़ाई जाती है जिससे मांग और महंगाई में तेज़ी आए।
- इसके तहत जब किसी देश की अर्थव्यवस्था (Economy) ख़राब हो जाती है, तो सरकार सेंट्रल बैंक की मदद से मनी सप्लाई बढ़ा देती है जिससे मांग और महंगाई में तेज़ी आती है।
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