10 अप्रैल हिंदी समसामयिक न्यूज़ कैप्सूल (Hindi Current News Capsule)
COVID-19 : ओडिशा ने 30 अप्रैल तक बढ़ाया लॉकडाउन
COVID-19 कोरोना के कहर को देखते हुए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रदेश में लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ाने का घोषणा की। जिसके साथ ही वह ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया है। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा सभी शैक्षणिक संस्थान 17 जून तक बंद रखने का भी निर्णय लिया गया है। राज्य कैबिनेट द्वारा केंद्र से उड़ानों और ट्रेन सेवाओं को 30 अप्रैल तक बंद रखने का अनुरोध किया है।
ग़ौरतलब है कि कोरोना संक्रमण की श्रृंखला तोड़ने के लिए देशभर में 25 मार्च से 14 अप्रैल तक के लिए 21 दिन का लॉकडाउन चल रहा है। इसके तहत ट्रेन सेवाएं पूरी तरह से बंद हैं। परंतु मालगाड़ियों के द्वारा केवल आवश्यक वस्तुओं की ही ढुलाई की जा रही है।
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COVID-19 : पंजाब सरकार ने भी 01 मई तक और बढ़ाया लॉकडाउन
कोरोना वायरस संक्रमण के तेज़ी से बढ़ते मामलों को देखते हुए पंजाब सरकार ने राज्य में लॉकडाउन की अवधि को 01 मई तक बढ़ाने का फैसला किया है। केंद्र सरकार द्वारा घोषित 21 दिनों के लॉकडाउन के बीच राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है। 1 मई तक चलने वाले इस लॉकडाउन के दौरान सरकार ज़रूरी चीज़ों की आपूर्ति ऑनलाइन डिलिवरी के माध्यम से जारी रहेगी।
पंजाब सरकार द्वारा राज्य में मास्क पहनना भी 9 अप्रैल, 2020 से ही अनिवार्य कर दिया है। इसके तहत लोगों को निर्देश दिया गया है कि वे किसी आपात स्थिति में या आवश्यक वस्तुओं के लिए घर से बाहर निकलते समय मास्क का उपयोग ज़रूर करें।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पंजाब के 17 ज़िले अब तक जानलेवा कोरोना महामारी की चपेट में आ चुके हैं। पंजाब में कोरोना के अब तक कुल 130 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 10 लोगों की मौत हो चुकी है।
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COVID-19 : आर्मीवार्म (Armyworm) के कारण ग्रीष्मकालीन धान की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव
COVID-19 के चलते राष्ट्रव्यापी लाकडाउन के कारण असम राज्य के धेमाजी नामक ज़िले के जिन क्षेत्रों में फसल की कटाई नहीं हो पाई थी वहाँ आर्मीवार्म कैटरपिलर (Armyworm Caterpillar) के हमले से ग्रीष्मकालीन धान की फसल को नुकसान हो रहा है। दरअसल, आर्मीवार्म कैटरपिलर में तीव्र भूख होती है और यह कैटरपिलर पौधों की 80 से अधिक प्रजातियों को खाता है। यह धान के पौधे के आधार (जड़ के पास) पर पत्तियों एवं नई रोपी गई फसल को काटकर खाता है।
आर्मीवार्म धान की फसल को नुकसान पहुँचाने वाले कैटरपिलर हैं। इसकी कम-से-कम तीन प्रजातियाँ [राइस स्वार्मिंग कैटरपिलर (राइस ईयर-कटिंग कैटरपिलर (Rice Ear-cutting Caterpillar), Rice Swarming Caterpillar) तथा कॉमन कटवार्म (Common Cutworm)] हैं जो एशिया महाद्वीप में धान की फसल को नुकसान पहुँचाती हैं। कीटविज्ञानशास्त्री (Entomologists) के अनुसार, कैटरपिलर से हो रहे नुकसान का एक कारण मौसम भी है क्योंकि मानसून पूर्व की बारिश ने असम में कृषि के लिये विपरीत स्थिति उत्पन्न कर दी है। वहीं असम में अभी तापमान काफी अधिक है और वर्षा न होने पर आर्मीवार्म कीट फसलों को अधिक नुकसान पहुँचा सकते हैं।
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COVID-19 से लड़ने हेतु केंद्र सरकार द्वारा 15000 करोड़ रुपये के आपात पैकेज की घोषणा
कोरोना वायरस (COVID-19) के चलते देश में पैदा हुए संकट से लड़ने और स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारी के लिए केंद्र सरकार ने 15,000 करोड़ रुपये के आपात (Emergency) पैकेज की घोषणा की है। इस धनराशि का इस्तेमाल सर्विलांस, महामारी के विरुद्ध जागरूकता लाने में भी किया जाएगा।
फंड के तहत 7,774 करोड़ रुपये कोविड-19 इमरजेंसी रिस्पॉन्स में खर्च होंगे और बाकी के 7226 करोड़ रुपये आगामी 1 से 4 वर्षों के दौरान आवश्यकतानुसार समय-समय पर खर्च किए जाएंगे। इस राशि का एक हिस्सा अस्पतालों, सरकारी दफ्तरों, जनसुविधाओं और एम्बुलेंस को संक्रमण रहित बनाने पर भी खर्च किया जाएगा।
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COVID-19 को लेकर UNSC द्वारा पहली बैठक का आयोजन
COVID-19 महामारी से निपटने के लिए तथा इसके प्रभाव के मद्देनज़र हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council – UNSC) ने वीडियो-कांफ्रेंसिंग के ज़रिये एक सत्र का आयोजन किया। इस बैठक में अमेरिका के राजदूत ने मांग की कि इस वायरस की उत्पत्ति कहां पर हुई, इस बाट की जांच की जाए। साथ ही अमेरिका ने यह भी मांग की कि क्योंकि विश्व के लिए इस समय कोरोना वायरस महामारी से निपटना एक चुनौती बन चुकी है अतः स्वास्थ्य आंकड़ों (Health Data) को सही समय पर साझा किया जाए।
ग़ौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र के इस प्रमुख अंग की अध्यक्षता वर्तमान में डोमिनिकन गणराज्य के पास है।
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COVID-19 : दूरस्थ रोगी स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली (Remote Patient Health Monitoring System) का विकास
कोरोना वायरस संक्रमण के गंभीर मामलों से निपटने के लिये भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने हाल ही में एक दूरस्थ रोगी स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली का विकास किया है। प्रूफ ऑफ कांसेप्ट (Proof of Concept) मॉडल के तहत विकसित इस प्रणाली में लगे नॉन-इनवेसिव सेंसर COVID-19 संक्रमित व्यक्ति की पहचान करने में सक्षम हैं जो व्यक्ति के तापमान, पल्स रेट, संतृप्त ऑक्सीजन स्तर तथा श्वसन दर की जाँच करते हैं। इसलिए इसे COVID-19 संक्रमित अस्पतालों के साथ-साथ संक्रमित व्यक्ति के घरों में स्थापित किया जा सकता है। यह विभिन्न रंग के कोड के माध्यम से रोगी की गंभीरता की स्थिति को दर्ज करेगा।
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COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए दिल्ली सरकार का ‘ऑपरेशन शील्ड’ (Operation Shield)
कोरोना वायरस (COVID-19) के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने प्रदेश के 21 नियंत्रण ज़ोन में ‘ऑपरेशन शील्ड’ शुरू करने का ऐलान किया है। इस सन्दर्भ में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के इन 21 इलाकों में कंटेनमेंट लागू किया गया है। जिस एरिया में भी कोरोना के कुछ मरीज मिलते हैं, उस एरिया को सील करके कंटेनमेंट प्लान लागू किया जाता है।
देश में चल रहे 21 दिनों के लॉकडाउन के बीच दिल्ली सरकार ने इस अभियान की शुरुआत की है। इस ऑपरेशन के तहत सीलिंग, होम क्वारनटीन, आइसोलेशन, आवश्यक सेवाएं, लोकल सैनिटाइज़ेशन तथा डोर-टू-डोर सर्वे पर ज़ोर दिया जाएगा। ग़ौरतलब है कि दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले काफी तेज़ी से बढ़ रहे हैं।
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वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की वृद्धि दर घटकर 4.8 फ़ीसदी रहने का अनुमान : UN रिपोर्ट
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के ‘एशिया और प्रशांत आर्थिक और सामाजिक सर्वेक्षण’ (United Nations Economic and Social Commission for Asia and the Pacific – UN ESCAP) वर्ष 2020 की ओर से स्थायी अर्थव्यवस्थाओं के लिए जारी रिपोर्ट के अनुसार, भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) विकास दर में वित्त वर्ष 2020-21 में 4.8 तक गिरावट का अनुमान है। यह अनुमान 10 मार्च, 2020 तक उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर लगाया गया है।
रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि कोविड-19 महामारी के चलते दुनिया भर में गंभीर आर्थिक परिणाम देखने को मिलेंगे। संयुक्त राष्ट्र की एशिया और प्रशांत के आर्थिक और सामाजिक सर्वेक्षण से जुडी रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्र में कोविड-19 का दूरगामी आर्थिक और सामाजिक परिणाम हुआ है और सीमा पार व्यापार, पर्यटन तथा वित्तीय संबंध सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।
ग़ौरतलब है कि जुलाई-सितंबर 2019 की तिमाही में भारत की जीडीपी अपने पिछले 7 वर्षों में सबसे कम 4.5 फ़ीसदी रही। बीते कुछ महीनों में भारत की जीडीपी में काफी गिरावट आई है, इसकी वजह रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल और एविएशन सेक्टर में मांग कम होना और क्रेडिट लिमिट का कम होना है। आय में कमी और बढ़ती बेरोज़गारी ने भी भारत में विकास दर को धीमा किया है।