अमेरिका तथा इज़राइल आधिकारिक रूप से यूनेस्को से अलग हुए
इज़राइल और अमेरिका 01 जनवरी, 2019 को आधिकारिक रूप से ‘संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन’ (यूनेस्को) से अलग हो गए। दोनों देशों का आरोप था कि यूनेस्को इज़राइल के विरुद्ध पूर्वाग्रह से ग्रस्त है।
• यूनेस्को से अलग होने के लिए अमेरिका ने वर्ष 2017 में नोटिस दाखिल किया था। तत्पश्चात इज़राइल ने भी यूनेस्को से अलग होने का नोटिस दे दिया। अतः दोनों देशों का संगठन से अलग होना अब केवल प्रक्रियाओं से जुड़ा मामला है।
• इससे पूर्व वर्ष 1984 में भी अमेरिका ‘यूनेस्को’ से अलग हो गया था किन्तु वर्ष 2003 में उसने दोबारा इसकी सदस्यता ले ली थी।
• अमेरिका द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्थापित इस संगठन के संस्थापक देशों में भी शामिल रहा है।
• अमेरिका और इज़राइल को छोड़कर अब यूनेस्को के 193 सदस्य देश, सात सहयोगी सदस्य देश तथा दो पर्यवेक्षक सदस्य देश हैं।
• भारत वर्ष 1946 से ही यूनेस्को का सदस्य देश है।
• यूनेस्को का मुख्यालय फ्रांस की राजधानी पेरिस में है।
विदित हो कि वर्ष 2011 में यूनेस्को ने फिलिस्तीन को अपनी स्थायी सदस्यता देने के साथ ही यहूदियों की धरोहर पर फिलिस्तीन के हक को पुष्ट किया था जिसको लेकर अमेरिका और इज़राइल यूनेस्को से नाराज़ थे। इसी के चलते दोनों देशों ने वर्ष 2011 से ही यूनेस्को को दी जाने वाली फंडिंग रोक रखी थी।