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आरबीआई ने की 2019-20 की प्रथम मौद्रिक नीति समीक्षा जारी

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने अप्रैल से सितम्बर के लिए पहली मौद्रिक नीति समीक्षा जारी की। इसमें आरबीआई द्वारा इस छमाही के लिए खुदरा महंगाई का अनुमान घटा कर 2.9 फ़ीसदी से 3 फ़ीसदी तक रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है। इससे पहले यह अनुमान 3.2% से 3.4% तक रहने की सम्भावना जताई गयी थी। फ़रवरी में खुदरा महंगाई डर 2.57 फ़ीसदी थी।

समीक्षा में जीडीपी विकास दर का अनुमान भी घटा दिया गया है। इस साल जीडीपी विकास दर 7.4% की बजाय 7.2% रहने की आशा जताई गयी है। फरवरी की समीक्षा में यह अनुमान 7.4% लगाया गया था।

यद्यपि खाद्य पदार्थों और ईंधन के दाम हाल के दिनों में कम रहे हैं लेकिन आगे इनकी क़ीमतें बढ़ने के आसार हैं। पिछली समीक्षा से अब तक कच्चे तेल के दाम 10 फ़ीसदी तक बढ़ चुके हैं। समीक्षा के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय फाइनेंशियल मार्केट में अस्थिरता रहेगी और और सर्कार का घाटा भी बढ़ने की आशंका है। इससे महंगाई दर में बढ़ोतरी हो सकती है। लेकिन यह 4 फ़ीसदी के लक्ष्य के भीतर ही रहेगी

आरबीआई ने कहा यह भी कि भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने मुश्किलें हैं विशेषतया वैश्विक मोर्चे पर।  हमारी अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए निजी निवेश को बढ़ाना होगा जोकि लगातार सुस्त बना हुआ है। ध्यातव्य है कि कम निवेश के कारण दिसंबर तिमाही में जीडीपी विकास दर पांच तिमाही के सर्वाधिक 6.6% के निचले स्तर पर आ गई थी।

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