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शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन बिश्केक में आयोजित

भारत की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने 29 अप्रैल, 2019 को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में शामिल देशों के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लिया। इस सम्मेलन का आयोजन किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक (Bishkek) में किया गया।

ग़ौरतलब है कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण 28 अप्रैल से तीन दिन की किर्गिस्तान यात्रा पर थीं।

मुख्य बिंदु:

  • एससीओ के सदस्य राष्ट्रों के रक्षा मंत्रियों के इस प्रमुख सम्मेलन में उभरती सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनज़र सदस्य देशों के बीच रक्षा तथा सुरक्षा सहयोग को और बढ़ावा देने के उपायों पर चर्चा की गई।
  • इस सम्मलेन में भारत ने आतंकवाद तथा उग्रवाद से निपटने में इस प्रभावशाली समूह के समन्वित प्रयासों पर ज़ोर दिया।
  • भारत की रक्षा मंत्री ने रूस के रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई शोयगू से भी मुलाकात की और अहम द्विपक्षीय रक्षा मुद्दों पर चर्चा की। इसके अलावा रक्षा मंत्री सीतारमण ने चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगे के साथ भी द्विपक्षीय बैठक की।
  • भारत की रक्षा मंत्री ने सम्मलेन में भाग लेने के साथ-साथ शंघाई सहयोग संगठन के अन्य सदस्य देशों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें भी कीं।

 

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शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation-SCO):  

चीन, कज़ाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताज़िकिस्तान और उज़्बेकिस्तान के नेताओं द्वारा बनाया गया ‘एससीओ’ एक यूरेशियन राजनीतिक, आर्थिक और सैनिक संगठन है। दरअसल, वर्ष 1996 में चीन, कज़ाकिस्तान, रूस, किर्गिस्तान और ताज़िकिस्तान ने मिलकर ‘शंघाई फाइव’ या ‘शंघाई V’ (Shanghai Five) समूह की स्थापना की थी। 2001 में उज़्बेकिस्तान के समूह में शामिल होने के बाद 15 जून, 2001 को शंघाई में संगठन को पुनः नामित कर ‘शंघाई सहयोग संगठन’ (एससीओ) अस्तित्व में आया। एससीओ का मुख्यालय चीन की राजधानी बीजिंग में स्थित है।

रीजनल एंटी-टेररिस्ट स्ट्रक्चर (RATS) एससीओ का एक स्थायी अंग है जो आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ सदस्य देशों के सहयोग को बढ़ावा देने का काम करता है। इसका मुख्यालय उज़्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में है।

भारत और पाकिस्तान वर्ष 2005 से इस संगठन में पर्यवेक्षक के रूप में शामिल थे। जबकि वर्ष 2017 में दोनों देशों को एससीओ के पूर्णकालिक सदस्यों का दर्जा प्रदान किया गया। वर्तमान में इस संगठन के आठ सदस्य हैं।

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