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विश्व की पहली वर्जिन हाइपरलूप वन परियोजना 2025 तक भारत में हो सकती है शुरू

वर्जिन हाइपरलूप वन (Virgin Hyperloop One-VHO) एक अमेरिकी परिवहन तकनीक कंपनी है। हाइपरलूप परिवहन तकनीक ज़मीनी यातायात का एक नया रूप है। यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें बड़े-बड़े पाइपों के अंदर वैक्यूम या निर्वात जैसा माहौल तैयार कर वायु की अनुपस्थिति में पॉड जैसे वाहन में बैठकर 1000 से लेकर 1300 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से यात्रा की जा सकती है।

वीएचओ के अनुसार यह विश्व की पहली वर्जिन हाइपरलूप वन (VHO) वाणिज्यिक परियोजना होगी जो संभवतः 2025 तक मुंबई और पुणे के बीच शुरू हो सकती है।

महाराष्ट्र सरकार ने वर्जिन हाइपरलूप वन (VHO) वाणिज्यिक परियोजना को आधिकारिक अवसंरचना घोषित कर दिया है। इस तकनीक को परिवहन ढाँचे में समाविष्ट करके यात्रा की अवधि को बहुत कम किया जा सकता है। यह देश के व्यस्ततम रेलवे और वायुमार्गों पर दबाव को कम करेगा।

वर्तमान में यह तकनीक कई कंपनियों द्वारा विकसित की जा रही है। इस तकनीक में अग्रणी विभिन्न कंपनियों जैसे- डिनक्लिक्स ग्राउंडवर्क्स कंपनी और ऐकॉम ने भारत में विभिन्न मार्गों पर हाइपरलूप के निर्माण का प्रस्ताव रखा है।

यद्यपि इस तकनीक की टेस्टिंग अभी पूरी तरह से संपन्न नहीं हो पाई है, अतः इसमें सुरक्षित परिवहन पर अब भी कुछ संदेह है। इसके अलावा भारत में यात्रियों की बड़ी संख्या मौजूद है जबकि हाइपरलूप कुछ ही लोगों को यह सुविधा दे पाएगा साथ ही इसकी लागत अरबों डॉलर में होगी। आंकड़ों के अनुसार, भारत में प्रतिवर्ष लगभग 8 से 19 करोड़ लोग दो शहरों के बीच यात्रा करते हैं।

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