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रूस, आर्कटिक के सैन्य बेस पर मिसाइल तैनात करने वाला पहला देश बना

रूस ने उत्तरी ध्रुव पर आर्कटिक सैन्य अड्डे पर मिसाइल लॉन्चर और हवाई रक्षा प्रणालियां तैनात की हैं। इस सम्बन्ध में 4 अप्रैल, 2019 को आई तस्वीरों से इस बात की जानकारी मिली। संसाधन संपन्न आर्कटिक में मिसाइल तैनात करने वाला रूस पहला देश बन गया है।

सेवेर्नी क्लीवर नाम के रूस के इस सैन्य अड्डे को सफेद, नीले और लाल रंगों से रंगा गया है जो रूस के राष्ट्रीय ध्वज के रंग हैं। 1.4 लाख करोड़ वर्ग में फैले आर्कटिक सागर के 12 लाख किलोमीटर क्षेत्र पर अपने अधिकार का दावा करने वाले देश रूस ने पांच वर्ष पहले यहां यह सैन्य अड्डा बनाया था। रूस यहां रक्षा प्रणाली एस-400 का पोलर वर्जन तैनात करेगा।

सैन्य अड्डे को इस तरीके से बनाया गया है कि सैनिक सड़कों पर घूमे बिना उसके सभी केंद्रों तक पहुंच सकें। इस सैन्य अड्डे में 250 सैनिक वायु और समुद्री निगरानी सुविधाओं और जहाज़रोधी मिसाइलों का रखरखाव करने के लिए स्थायी रूप से तैनात रहते हैं। यहां सर्दियों में तापमान कभी-कभी शून्य से नीचे 50 डिग्री सेल्सियस भी चला जाता है। ध्यातव्य है कि रूस की आधी तटीय सीमा आर्कटिक सागर से लगती है।

विश्व का एक-चौथाई तेल-गैस भंडार है यहाँ:

अनुमान है कि धरती पर मौजूद तेल-गैस का एक-चौथाई भंडार आर्कटिक की बर्फ़ के नीचे ही दबा हुआ है। बेशक़ीमती खनिजों से संपन्न इस क्षेत्र पर अमेरिका, कनाडा, डेनमार्क जैसे कई देशों की भी नज़र है। अमेरिका ने तो अपनी विदेश नीति में इसे प्राथमिकता पर रखा है।

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