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घाटे के चलते आइसलैंड की “वाओ एयर” पर लगा ताला

बीते सात सालों से अपनी सेवायें दे रही आइसलैंड की बजट विमानन कंपनी वाओ एयर (WOW Air) ने 28 मार्च, 2019 को अचानक अपनी सेवाएं बंद कर दीं। जिसके चलते यूरोप और उत्तरी अमेरिका जाने वाले हज़ारों यात्री हवाईअड्डों पर फंस गए। बताया जा रहा है कि ये एयरलाइन गुरुवार सुबह 7 बजे तक टिकट बेच रही थी, पर शाम को अचानक उसने अपनी सेवाएं बंद करने की घोषणा कर दी। लगातार हो रहे घाटे के चलते कंपनी को अपनी सेवाएं बंद करनी पड़ीं। घाटे में चल रही इस कंपनी को बीते कुछ महीनों से बचाने की कोशिशें भी हो रही थीं।

कंपनी ने एक बयान जारी कर यात्रियों से कहा कि वाओ एयर ने अपने सभी काम बंद कर दिए हैं। सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। कंपनी ने यह भी कहा कि वे दूसरी कंपनियों के विमानों में टिकट ले सकते हैं। क्रेडिट कार्ड से पैसा दे चुके यात्री क्रेडिट कार्ड कंपनी से संपर्क कर पता करें या जिन्होंने यूरोपीय एजेंटों से टिकटें ली हैं उनके लिए उनके एजेंट दूसरी उड़ानों की व्यवस्था कर सकते हैं। इसके आलावा यात्रियों को वाओ एयर से मुआवज़ा भी मिल सकता है लेकिन ये यूरोपीय नियमों के तहत ही होगा। कंपनी के मालिक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्कुली मोगेन्सन ने कंपनी के कर्मचारियों से भी माफ़ी मांगी।

वाओ एयर (WOW Air):

  • इस विमानन कंपनी की स्थापना वर्ष 2011 में स्कुली मोगेन्सन (Skúli Mogensen) ने की थी।
  • 2012 में एयरलाइन ने उड़ानें शुरू कीं।
  • यह अमेरिका सहित 27 देशों में अपनी सेवाएं दे रही थी जिसमें अधिकतर अमेरिका और यूरोप महाद्वीप के देश हैं।
  • यह कंपनी ट्रांस-अटलांटिक यानी अटलांटिक के पार वाली जगहों को जोड़ने वाली उड़ानों के लिए जानी जाती थी।
  • आइसलैंड आने वाले लगभग एक तिहाई लोग वाओ एयर की उड़ानों का इस्तेमाल करते थे इससे देश के पर्यटन व्यवसाय पर असर पड़ सकता है।
  • कंपनी छोटी दूरी की जगहों के अलावा लंबी दूरी की जगहों में भी उड़ान सेवाएं देती थी।
  • अमेरिका के बॉस्टन और वॉशिंगटन से ले कर कोपनहेगन और यूरोप के एलिकांते शहर में भी कंपनी की उड़ानें जाती थीं।
  • एयरलाइन ने पिछले साल 7 दिसंबर को नई दिल्ली से रेक्जाविक के बीच उड़ान शुरू की थी लेकिन बाद में वह बंद कर दी गई।
  • वर्तमान में कंपनी के बेड़े में 11 विमान और एक हज़ार कर्मचारी कार्यरत थे।

हाल में बंद हुई विमानन कंपनियां:

यूरोप में कई विमानन कंपनियां कड़ी प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के कारण हाल में बंद हो चुकी हैं।

जहाँ एक ओर वर्ष 2018 में अज़ूर एयर जर्मनी, कोबाल्ट एयर, प्रीमेरा एयर, स्मॉल प्लानेट एयरलाइन्स और स्काईवर्क बंद हुई। जबकि एयर इटली और मेरीडिना का विलय हुआ। वहीँ साल 2017 में मोनार्क और एयर बर्लिन को बाज़ार की गिरती-उठती क़ीमतों का ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ा। वर्ष 2019 में जर्मनिया, फ्लिम्बी और वाओ एयर पर ताला लगा।

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