वैष्णव संप्रदाय के गुरु वेदांत देसिकन की 750वीं जयंती के अवसर पर स्मारक डाक टिकट जारी
13वीं शताब्दी के वैष्णव संप्रदाय के प्रख्यात गुरु, दार्शनिक एवं कवि श्री वेदांत देसिकन (Sri Vedanta Desikan) की 750वीं जयंती के अवसर पर उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने 2 मई, 2019 को नई दिल्ली में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। यह स्मारक डाक टिकट जारी करने का उद्देश्य वेदांत देसिकन को श्रद्धांजलि देने के साथ युवा पीढ़ी को उनके नक्शे-कदम पर चलने के लिये प्रोत्साहित करना है।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने श्री वेदांत देशिक को उच्च कोटि का विद्वान बताते हुए कहा कि उन्होंने संस्कृत, तमिल, प्राकृत और मणिप्रवलम भाषाओं में कविता, गद्य, नाटक, टिप्पणी, विज्ञान संबंधी लेख और दर्शन के सिद्धांतों की रचना की थी।
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वेदांत देसिकन के बारे में:
- 268 ईस्वी में जन्मे वैष्णव दार्शनिक वेदांत देसिकन वैष्णव संप्रदाय के शुरुआती गुरुओं में से हैं।
- वेदांत देसिकन सिर्फ आध्यात्मिक गुरु नहीं थे, बल्कि वह बहुमुखी प्रतिभा वाले व्यक्तित्व थे। वे एक वैज्ञानिक, तर्कसिद्ध, गणितज्ञ, साहित्यकार, भाषा-विज्ञानी और रणनीतिकार भी थे।
- ये श्रीवैष्णव परंपरा के सबसे प्रभावशाली संतों में से एक थे।
- वेदांत देसिकन के दर्शन की प्रमुख विशेषता समावेश की भावना है।
- श्री वेदांत देसिकन को रामानुज के बाद के काल में वैष्णववाद के सबसे प्रखर व्यक्तित्वों में से एक माना जाता है।
- उनकी आध्यात्मिक शिक्षाओं का आधार शांति और मानवता थी।