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संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा का चौथा सत्र नैरोबी में आयोजित

पर्यावरण से संबंधित वैश्विक समस्याओं के निदान संबंधी उपायों पर संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (UNEA) का चौथा सत्र “UNEA-4” 11 से 15 मार्च, 2019 तक केन्या की राजधानी नैरोबी में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन के दौरान संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (United Nation Environment Programme-UNEP) ने वैश्विक पर्यावरण आउटलुक रिपोर्ट का छठा संस्करण भी जारी किया।

मुख्य बिंदु:

  • UNEA के इस चौथे सत्र का विषय – पर्यावरण की चुनौतियों तथा सतत उत्पादन व खपत के लिए अभिनव समाधान”(Innovative Solutions for Environmental Challenges and Sustainable Consumption and Production) था।
  • सभा में सभी राष्ट्र वर्ष 2030 तक समान लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सहमत हुए। साथ ही सभी सदस्य देशों ने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विकास के नए मॉडल की ओर कदम बढ़ाने पर भी ज़ोर दिया।
  • सभी सदस्य देशों ने सहमति से 2030 तक एकल-उपयोग प्लास्टिक उत्पादों जैसे- कप, कटलरी और बैग आदि में कटौती करने पर भी सहमति व्यक्त की।

UNEA-4 और भारत:

यह पहली बार है जब भारत ने चौथे संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (यूएनईए) में दो प्रमुख पर्यावरण मुद्दों, एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक का कम से कम उपयोग और सतत नाइट्रोजन प्रबंधन पर आधारित दो प्रस्तावों की अगुवाई की। भारत ने यूएनईए के एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया था। इस सत्र का विषय था- “वैश्विक साझेदारीः संसाधन दक्षता और सतत हरित अर्थव्यवस्था के लिए उपाय”। इस आयोजन में सदस्य देशों सहित  सामाजिक संगठनों, निजी क्षेत्रों के संगठनों तथा वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (UNEA):

यह  संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम का एक प्रशासनिक निकाय है। सतत् विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के दौरान संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा का गठन जून 2012 में किया गया था। यह पर्यावरण के संदर्भ में निर्णय लेने वाली विश्व की सर्वोच्च संस्था है। UNEA विश्व के समक्ष आने वाली महत्त्वपूर्ण पर्यावरणीय चुनौतियों को संबोधित करती है। यह पर्यावरणीय सभा वैश्विक पर्यावरण नीतियों हेतु प्राथमिकताएँ निर्धारित करने और अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण कानून विकसित करने के लिये हर दो वर्ष में एक बार आयोजित की जाती है।

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