साइबर खतरों के मद्देनज़र अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रीय आपातकाल किया घोषित

अमेरिकी संचार नेटवर्क को विदेशी दुश्मनों से बचाने के उद्देश्य से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 15 मई, 2019 को राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर दी। व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, राष्ट्रपति ने अमेरिका की सूचना और संचार प्रौद्योगिकी तथा सेवाओं की रक्षा करने की अपनी प्रतिबद्धता के तहत यह आदेश जारी किया है। राष्ट्रपति के अनुसार, दुरुपयोग करने वाले विदेशी दुश्मनों से अमेरिका की रक्षा करने के लिए जो कुछ भी जरूरी है वह करेंगे।
मुख्य बिंदु:
-
- यह आदेश संघीय सरकार को अमेरिकी कंपनियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अस्वीकार्य जोख़िम पैदा करने वाले विदेशी प्रौद्योगिकी आपूर्तिकर्ताओं से व्यापारिक लेन-देन करने से रोकने की शक्ति देता है।
- विश्लेषकों के अनुसार यह आदेश चीन की प्रमुख टेलीकॉम कंपनी हुआवेई के लिए है। हालांकि कार्यकारी आदेश में किसी भी कंपनी का विशेष रूप से नाम नहीं रखा है।
- अमेरिका के मुताबिक़, चीन हुआवेई के उपकरणों का उपयोग सर्विलांस के लिए कर सकता है। अमेरिका द्वारा लगाये गये इन आरोपों को हुआवेई ने बार-बार ख़ारिज किया है।
-
- ग़ौरतलब है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने 2018 में एक विधेयक पारित किया था जिसमें अमेरिकी सरकार और उसके साथ काम करने वाले लोगों को हुआवेई और चीन की कई अन्य संचार कंपनियों के उत्पादों का उपयोग करने से प्रतिबंधित कर दिया गया था।
- कार्यकारी आदेश का उद्देश्य संयुक्त राज्य अमेरिका को विदेशी विरोधियों से बचाना है जो सूचना और संचार प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचे और सेवाओं में कमजोरियों का निर्माण तथा शोषण कर रहे हैं।
पूर्व में लगे आपातकाल:
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पहले भी कई अमेरिकी राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल लगा चुके हैं। अमेरिका में अभी तक 31 बार राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की जा चुकी है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 2009 में स्वाइन फ्लू के प्रकोप के कारण राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया था जबकि 9/11 हमले के बाद पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश ने अमेरिका में इस प्रकार की घोषणा की थी। इस सन्दर्भ में 1976 में एक कानून पारित किया गया था जोकि राष्ट्रपति को राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने का अधिकार देता है। आपातकाल के दौरान राष्ट्रपति उन विशिष्ट शक्तियों का उपयोग कर सकता है, जो अमेरिकी संसद के कानून के दायरे में होंगे।
