क्या होती है ब्रेडक्रंबिंग (Breadcrumbing) रिलेशनशिप ? जानें इसके संकेत और इससे बचने के उपाय…

अगर ये कहा जाए कि वक्त के साथ प्यार और उसके मायने काफ़ी बदल चुके हैं और इसके भी कई प्रकार बन चुके हैं, तो ग़लत नहीं होगा। आज की डिजिटल दुनिया में लोग अपना दोस्त या हमसफर चुनने तक के लिए डेटिंग ऐप्स का सहारा ले रहे हैं। ऐसे में प्यार और डेटिंग, दोनों ऑनलाइन होने लगी हैं। लेकिन ऐसे में कई बार लोगों के नकली प्रोफाइल, फ़ेक मैसेजेज़, स्कैम या कन्फ्यूज़िंग बिहेवियर भी देखने को मिलते हैं। इस कन्फ्यूज़िंग बिहेवियर में ब्रेडक्रंबिंग भी शामिल है, जिसके बारे में तो शायद आपने सुना होगा पर ये क्या है और इसे कैसे पहचानें इसके बारे में शायद ज़्यादा न जानते हैं।
अगर आप ऐसी किसी रिलेशनशिप में हैं, तो इस बात की संभावना हो सकती है कि आप ब्रेडक्रंबिंग का शिकार तो नहीं हो रहे हैं।
आइये समझते हैं कि आख़िर ये ब्रेडक्रंबिंग रिलेशनशिप क्या होती है?

ब्रेडक्रंबिंग आधुनिक डिजिटल दुनिया में एक डेटिंग पैटर्न है और साथ ही एक खतरनाक डेटिंग ट्रेंड भी है। दरअसल, ये रिलेशनशिप को समझने की एक नई टर्म है।
ब्रेडक्रंबिंग से मतलब किसी व्यक्ति की ऐसी एक्टिविटी से है जिसमें वह अपन पार्टनर के साथ रिश्ता तो आगे बढ़ना चाहता है, पर कोई कमिटमेंट नहीं करना चाहता है और न ही किसी बंधन में बंधना चाहता है।
ब्रेडक्रंबिंग करने वाला व्यक्ति आपमें हल्का इंटरेस्ट दिखाता है, कभी-कभी कॉल या मैसेजेज़ करता है और डेट पर भी लेकर जाता है। लेकिन अक्सर ये कई घंटों या दिनों तक भी अपने साथी को कोई मैसेज या कॉल नहीं करते हैं।
ऐसे रिलेशनशिप में ये ज़रूरी नहीं होता कि सामने वाला भी आपको लेकर उतना ही सीरियस हो जितना कि आप हैं। ब्रेडक्रंबर अपने साथी को ज़्यादा तवज्जों नहीं देते।
ये अपने साथी को रिझाना और उससे फ़्लर्ट करना तो पसंद करते हैं लेकिन वह भी अपनी सहूलियत के हिसाब से और जब अपना मन करे तब। ये अपने पार्टनर के साथ कभी सीरियस नहीं होते हैं। रिझाने के इसी व्यवहार को ब्रेडक्रंबिंग कहा जाता है।
आसान शब्दों में कहें तो ब्रेडक्रंबिंग डेटिंग में दो लोग साथ होते हुए भी साथ नहीं होते हैं।
क्यों करते हैं लोग ब्रेडक्रंबिंग?

एक ब्रेडक्रंबर अपने इमोशन्स को लेकर कंफ्यूज़ रहता है और उसे पता ही नहीं होता है कि आख़िर वह अपने जीवन या किसी रिश्ते से क्या चाहता है।
ये किसी रिलेशन में बंधने या कमिट होने से डरते हैं। फिर चाहे दोस्ती हो या कोई और ख़ास रिश्ता या फिर कैजुअल डेटिंग, ब्रेडक्रंबर यह तय नहीं कर पाते कि उन्हें दूसरे व्यक्ति से आख़िर क्या चाहिए यानि ये ख़ुद को लेकर एकदम अनक्लियर होते हैं।
ये अपना अकेलापन दूर करने के लिये किसी के साथ जुड़ते हैं। एक ब्रेडक्रंबर किसी के साथ समय तो बिताना चाहता है लेकिन किसी कमिटिड लॉन्ग टर्म रिलेशनशिप से डरता है। इन्हें किसी रिश्ते को बनाने या उसे बनाए रखने में अक्सर बहुत मुश्किल होती है क्योंकि ये किसी भी तरह की जवाबदेही या एक्सप्लेनेशन से बचते हैं।
ब्रेडक्रंबिंग रिलेशनशिप में ब्रेडक्रंबर का प्राथमिक उद्देश्य सिर्फ़ अपनी इच्छाओं व ज़रूरतों को पूरा करना होता है। वह आपको स्वयं से हटने नहीं देता है बल्कि हमेशा एक होप बनाए रखता है ताकि आप उससे अलग भी न हों और उसके मन मुताबिक़ रिलेशन में बने भी रहें। ये आपको अटेंशन तभी देते हैं जब आप उनकी ओर अपनी अटेंशन देना बंद कर देते हैं। ये इंटरेस्ट तो रखते है लेकिन कमिटमेंट नहीं। इन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसके साथी को कितनी तकलीफ हो सकती है। ऐसे रिश्ते आमतौर आपको कहीं लेकर नहीं जाते सिर्फ़ निराश करते हैं।
क्या हर अनक्लियर रिलेशन ब्रेडक्रंबिंग होता है?

इतना सब सुनने के बाद आपको ये लग रहा होगा कि क्या इस तरह की हर रिलेशनशिप ब्रेडक्रंबिंग होती है? जी नहीं ऐसा बिल्कुल नहीं है। क्योंकि कई बार रिश्तों में मजबूरियाँ भी होती हैं जिनके चलते अक्सर लोग अपने पार्टनर/साथी को पूरा टाइम नहीं दे पाते हैं। इसलिये एक्सपर्ट्स का कहना है कि मजबूरी और ब्रेडक्रंबिंग में बहुत महीन अंतर होता है।
इसको ऐसे समझ सकते हैं कि मान लीजिये कोई व्यक्ति अपने पार्टनर/साथी के साथ कोई प्लान बनाता है लेकिन बाद में उसके लिए मना कर देता है, पर समय मिलते ही ईमानदारी से उस प्लान को दोबारा एग्ज़ीक्यूट करने की कोशिश करता है, तो हो सकता है कि वह ब्रेडक्रंबिंग न कर रहा हो। लेकिन अगर वह लगातार आपके साथ अपने प्लान रद्द करता है या फिर से उस प्लान के लिए समय नहीं निकालता है, तो फिर ये आपको सोचने के लिए मजबूर कर सकता है कि कहीं आपके साथ ब्रेडक्रंबिंग तो नहीं हो रही है।
कैसे पहचानें कि आपका रिलेशन ब्रेडक्रंबिंग है या नहीं?

एक्सपर्ट्स ऐसे कई संकेत/लक्षण बताते हैं जिससे काफी हद तक अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि आपका पार्टनर, दोस्त या साथी आपके साथ ब्रेडक्रंबिंग तो नहीं कर रहा है, जैसे-
इसके कुछ ख़ास संकेत (Signs of Breadcrumbing) –
अपने सहूलियत के हिसाब से और खाली समय में आपको याद करना और समय देना
सब कुछ अनक्लियर रखना
कभी ढेरों मैसेज करना तो कभी बिल्कुल गायब हो जाना
अपने साथी के साथ कभी भी सीरियस नहीं होना
इनके कहने और करने में फ़र्क होना
ये ख़ुद को लगातार और रहस्यमयी ढंग से व्यस्त दिखाते हैं
अगर आप इनसे हटने लगते हैं तो ये आपमें और अधिक रुचि दिखाते हैं
व्यक्तिगत रूप से एक साथ समय बिताने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाना
रिलेशनशिप को लेकर बात न करना और आपको ऑप्शन में रखना अक्सर सतही बातें करना और सीरियस मुद्दों पर बात करने से कतराना, आदि
ब्रेडक्रंबिंग से कैसे निपटें?

अगर कोई आपको ब्रेडक्रंबिंग कर रहा है तो इससे बचने और निपटने के लिये एक्सपर्ट्स कुछ सुझाव देते हैं। ये आपके रिश्ते को मैनेज करने में काफ़ी मददगार हो सकते हैं:
प्रिवेंशन इज़ बेटर देन क्योर
स्वयं को प्राथमिकता दें : सबसे पहले अपना ख्याल रखें और अपने मानसिक स्वास्थ्य और आत्म सम्मान को प्राथमिकता दें।
यदि आपको लगता है कि आपको परेशान किया जा रहा है, तो अपने विश्वसनीय प्रियजनों के साथ इस मुद्दे पर बात करें।
दूसरे व्यक्ति के साथ अपने मूल्यों पर चर्चा करें और अपनी परेशानियों को शेयर करें।
अपनी सीमाएँ निर्धारित करें : आपको अपने रिश्तों में सीमाएँ निर्धारित करने का अधिकार है।
स्वयं इसका सहारा न लें: अगर आपको महसूस हो रहा ही कि आपके साथ ऐसा हो रहा है तो बदला लेने की रणनीति के रूप में आप स्वयं ब्रेडक्रंब का सहारा बिल्कुल न लें।
निष्कर्ष :
यदि आप ऐसे किसी संकट से जूझ रहे हैं, तो अपनी भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक ज़रूरतों का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है। आपको अपमानजनक व्यवहार बर्दाश्त नहीं करना है क्योंकि ये आपके लिये घातक हो सकता है। यदि आप ऐसे रिश्ते को छोड़ने के लिए संघर्ष कर रहे हैं या ऐसे किसी निराशाजनक पैटर्न में फँसा हुआ महसूस कर रहे हैं, तो अपने लिए उचित समर्थन तक पहुँच पर विचार करें।
