मिसाइल विध्वंसक आईएनएस रंजीत सेवामुक्त किया जायेगा
भारतीय नौसेना के प्रमुख मिसाइल विध्वंसक आईएनएस रंजीत (Missile destroyer INS Ranjit) को सेवामुक्त करने की घोषणा की गई है। इस जहाज़ को विशाखापट्टनम के नौसेना डॉकयार्ड में 6 मई, 2019 को एक समारोह का आयोजन करके सेवामुक्त किया जाएगा। इस समारोह में वे अधिकारी शामिल होंगे जिन्होंने अतीत में आईएनएस रंजीत पर काम किया है अथवा जो इस कमीशन क्रू का हिस्सा रहे हैं।
मुख्य बिंदु:
- सोवियत संघ द्वारा निर्मित आईएनएस रंजीत काशिन श्रेणी के पांच राजपूत श्रेणी विध्वंसकों में से सेवानिवृत्त होने वाला पहला विध्वंसक पोत है।
- रूसी नौसेना में एक काशिन श्रेणी का विध्वंसक कार्यरत है जबकि भारत में काशिन श्रेणी के पांच राजपूत श्रेणी विध्वंसक कार्यरत हैं।
- राजपूत श्रेणी विध्वंसक सोवियत काशिन श्रेणी विध्वंसक का परिवर्तित रूप है। इसमें आईएनएस राजपूत, आईएनएस राणा, आईएनएस रणजीत, आईएनएस रणवीर तथा आईएनएस रणविजय शामिल हैं।
- इस मिसाइल विध्वंसक का ध्येय वाक्य ‘सदा रणे जयते’ (Ever Victorious in Battle) है।
- आईएनएस रंजीत 36 साल की सेवा के बाद नौसेना डॉकयार्ड में भेजा जाएगा।
- इस जहाज़ की नींव 29 जून, 1977 को रखी गई थी और 16 जून, 1979 को यह लॉन्च किया गया था। इसका रूसी नाम ‘लोवक्ली’ (Lovkl) था जिसका अर्थ है ‘कुशल’।
- इसका निर्माण यूक्रेन के निकोलेव नगर में 61 कम्युनर्ड शिपयार्ड में किया गया था।
- मिसाइल विध्वंसक आईएनएस रंजीत के रूप में यह 15 सितम्बर, 1983 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
- कप्तान विष्णु भागवत आईएनएस रंजीत के पहले कमांडर थे। ये वर्ष 1996 से 1998 तक नौसेनाध्यक्ष भी रहे थे।
- आईएनएस रंजीत ने देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाई और कई ऑपरेशनों में शामिल रहा है।
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ज्ञातव्य है कि वर्तमान में भारतीय नौसेना के पास विभिन्न विध्वंसक जहाज़ हैं जिनमें आईएनएस कोलकाता, आईएनएस चेन्नई, आईएनएस कोच्चि, आईएनएस दिल्ली, आईएनएस मैसूर, आईएनएस मुंबई, आईएनएस राजपूत, आईएनएस रणविजय आदि शामिल हैं।