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COVID-19 के लिये CCMB ने किया Inactivated Virus Vaccine का विकास

कोशिकीय व आण्विक जीव विज्ञान केंद्र (Centre for Cellular and Molecular Biology- CCMB) के शोधकर्ताओं द्वारा हाल ही में दी गई जानकारी के अनुसार, वे कोरोनावायरस से निपटने हेतु निष्क्रिय विषाणु आधारित वैक्सीन (Inactivated Virus Vaccine) के निर्माण का प्रयास कर रहे हैं।

शोधकर्ताओं के मुताबिक़, यह वैक्सीन COVID-19 के प्रसार व इसके दुष्प्रभावों को रोकने का सबसे कारगर उपाय है। क्योंकि इनएक्टिवेटेड वैक्सीन अपनी सुरक्षा और निर्माण की आसान प्रक्रिया के लिये जानी जाती है।

 

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इनएक्टिवेटेड वैक्सीन : लाभ एवं चुनौतियाँ   

  • इस प्रक्रिया में पहले बड़ी संख्या में विषाणुओं का संवर्द्धन किया जाता है और फिर उन्हें रासायनिक प्रक्रिया या ऊष्मा द्वारा मार दिया जाता है। इस मृत जीवाणु को मानव शरीर में प्रवेश कराने पर यह कुछ रोग-प्रतिकारक (Antibodies) के उत्सर्जन के माध्यम से प्रतिक्रिया करती है, जो इनएक्टिवेटेड वायरस वैक्सीन (IVV) के रूप में कार्य करती है।
  • प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा पहचाने जाने वाले एंटीजेन (Antigen) को भी सुरक्षित छोड़ दिया जाता है।
  • कोशिका संवर्द्धन की सही तकनीकी की पहचान से COVID-19 के उपचार की दावा के निर्माण में भी सहायता मिलेगी। 
  • हालांकि अभी तक कोरोनावायरस का विकास केवल मनुष्य में पाया गया है। ऐसे में मानव शरीर के बाहर इस विषाणु के विकास अथवा संवर्द्धन के लिये उपयुक्त कोशिकाओं की पहचान करने के साथ-साथ मानव शरीर के बाहर इस विषाणु का विकास करना एक बड़ी तकनीकी चुनौती है।
  • इस विषाणु के कृत्रिम विकास के लिये वर्तमान में CCMB द्वारा ‘अफ्रीकन ग्रीन मंकी’  (African Green Monkey) में पाई जाने वाली उपकला ऊतक परतों (Epithelial Cell Line) का प्रयोग किया जा रहा है।

 

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ग़ौरतलब है कि पोलियो (Polio) और रेबीज़ (Rabies) के लिये इनएक्टिवेटेड वैक्सीन का विकास इसी प्रकार किया गया था। जिसकी सफलता के बाद इस क्षेत्र में उपयुक्त विशेषज्ञता उपलब्ध है।

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