विकासशील देशों के डब्ल्यूटीओ की मंत्रिस्तरीय बैठक नई दिल्लीे में सम्पन्न
भारत में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के विकासशील देशों की मंत्रिस्तरीय बैठक 14 मई, 2019 को नई दिल्ली में संपन्न हुई। केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री श्री सुरेश प्रभु की मेज़बानी में आयोजित यह दो दिवसीय बैठक 13 मई, 2019 को शुरू की गई थी। बैठक में डब्ल्यूटीओ के महानिदेशक रोबर्टो अज़ेवेदो ने भी भाग लिया।
उद्देश्य:
इस बैठक का उद्देश्य नियम आधारित व्यापार प्रणाली की बहु-पक्षीय समस्याओं पर चर्चा करना था। साथ ही बैठक का उद्देश्य बहुपक्षीयवाद में नई जान फूंकना एवं उसे सुदृढ़ करना है और इसके साथ ही निर्णय लेने की एक ऐसी प्रक्रिया शुरू करनी है, जो अपेक्षाकृत ज़्यादा समावेशी हो। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए ज़्यादा से ज़्यादा विकासशील देशों के सामूहिक नज़रिये को डब्ल्यूटीओ में सुधार के लिए पेश किये गये प्रस्तावों में औपचारिक रूप से व्यक्त या समाहित करने आवश्यकता पर बल दिया गया।
बैठक के मुख्य बिंदु:
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- इस दो दिवसीय बैठक में डब्ल्यूटीओ के 22 सदस्य देशों ने भाग लिया।
- बैठक में बेनिन, बांग्लादेश, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, चाड, यूगांडा तथा मलावी जैसे सबसे कम 6 विकसित देशों जबकि तुर्की, इंडोनेशिया, मलेशिया, दक्षिण अफ्रीका, अर्जेंटीना, ब्राज़ील, मिस्र, गुयाना, जमैका, कज़ाखस्तान, ग्वाटेमाला, नाइजीरिया, ओमान, चीन, सऊदी अरब तथा बारबाडोस जैसे 16 विकासशील देशों की भागीदारी शामिल रही।
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- दिल्ली में इन देशों की दो दिवसीय मंत्रिस्तरीय बैठक के समापन पर विकास और समावेश को बढ़ावा देने के लिये डब्ल्यूटीओ को मज़बूत बनाने को लेकर सामूहिक रूप से काम करने पर भी बल दिया गया।
- बैठक में डब्ल्यूटीओ के महानिदेशक रोबर्टो अज़ेवेदो ने वर्तमान प्रणाली में ही रहकर काम करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि यथास्थिति अब कोई विकल्प नहीं है और सभी सदस्य देशों को इसका समाधान ढूंढ़ने के लिए ठोस प्रयास करने चाहिए।
- गैर-भेदभाव, अपेक्षित कदम, पारदर्शिता, आम सहमति से निर्णय लेने की परम्परा और अत्यंत महत्वपूर्ण बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली में अंतर्निहित विकास के लिए प्रतिबद्धता इतने ज्यादा अहम हैं कि उन्हें गंवाया नहीं जा सकता।
- बैठक में कहा गया कि व्यापार सुविधाजनक समझौते वाला एक ऐसा मॉडल तैयार किया जाए, जिसके तहत विभिन्न देश अपने-अपने मानदंड तय कर सकते हैं।
- इस बैठक के द्वारा विकासशील देशों तथा सबसे कम विकसित देशों ने एक ही प्लेटफार्म पर आकर साझा समस्याओं पर चर्चा की।
- यह बैठक ऐसे समय में आयोजित की जा रही है, जब व्यापार संबंधी तनाव में कमी होने का कोई संकेत नहीं मिल रहा है और संरक्षणवादी प्रवृत्तियां बढ़ती जा रही हैं, जिसके मद्देनज़र अब समय आ गया है कि बहुपक्षीय व्यवस्था के तहत सामूहिक रूप से आगे की राह के बारे में विचार-विमर्श किया जाए।
विदित हो कि मार्च 2018 में नई दिल्ली में भारत द्वारा एक अनौपचारिक डब्ल्यूटीओ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसमें 50 से भी अधिक विकसित एवं विकासशील सदस्य देशों ने भाग लिया था। इस सम्मेलन में नियम आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के कामकाज एवं विश्वसनीयता को अक्षुण्ण रखने के साथ-साथ इसे और बढ़ाया जाए, जैसा कि डब्ल्यूटीओ में सन्निहित है, जैसे मुद्दे पर विशेष ज़ोर दिया गया था।