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एफटीआईआई द्वारा फिल्म समालोचना और समीक्षा कला में पाठ्यक्रम की शुरुआत

भारतीय फिल्‍म एवं टेलीविज़न संस्‍थान (एफटीआईआई) पुणे द्वारा पहली बार फिल्‍म समालोचना और समीक्षा कला में एक पाठ्यक्रम की घोषणा की गई है। 20 दिनों का यह नया पाठ्यक्रम दिल्‍ली में 28 मई से 19 जून, 2019 के बीच भारतीय जनसंचार संस्‍थान (आईआईएमसी), दिल्‍ली के सहयोग से संचालित किया जायेगा।

एफटीआईआई के निदेशक भूपेन्‍द्र केंथोला के मुताबिक़, इससे सिनेमा के समालोचकों, फिल्‍म समीक्षकों, फिल्‍म ब्‍लॉगरों, शोधकर्ताओं, फिल्‍मजगत से जुड़े शिक्षाविदों और सिनेमा में विशेष रुचि रखने वाले किसी व्‍यक्ति की एक पुरानी मांग पूरी हुई है। साथ ही उन्‍होंने कहा कि किसी व्‍यक्ति के लिए यह जानना आवश्यक है कि किसी फिल्‍म की समीक्षा के क्रम में इसे किस प्रकार पढ़ना चाहिए। इस उद्देश्‍य की पूर्ति के लिए इस पाठ्यक्रम के ज़रिये तरीके बताए जाएंगे।

मुख्य बिंदु:

  • एफटीआईआई की देशव्‍यापी फिल्‍मी शिक्षा के लिए एसकेआईएफटी (फिल्‍म और टेलीविजन के क्षेत्र में भारत को कौशल) के तहत यह पाठ्यक्रम संचालित किया जा रहा है।
  • यह पाठ्यक्रम सभी के लिए उपलब्‍ध है और इसके लिए कोई अधिकतम उम्र निर्धारित नहीं है।
  • आवेदन करने की अंतिम तिथि 22 अप्रैल 2019 है।
  • यह पाठ्यक्रम भोपाल की फिल्‍म निर्माता राजुला शाह द्वारा संचालित किया जाएगा, जो एफटीआईआई की पूर्व-छात्रा हैं। उन्‍होंने एफटीआईआई में साल 1997 से साल 2000 तक फिल्‍म निर्देशन का अध्‍ययन किया था।
  • दिल्‍ली से बाहर के चुनिंदा भागीदारों के लिए अनुरोध पर आवास सुविधा उपलब्‍ध कराई जाएगी। पाठ्यक्रम संबंधी विवरण वेबसाइट ftii.ac.in पर उपलब्‍ध है।
  • फिल्‍म समालोचना के विषय में आधारभूत जानकारी प्रदान करने तथा सिनेमा का एक गंभीर दर्शक बनने के लिए भागीदारों को प्रशिक्षित करने के उद्देश्‍य से यह पाठ्यक्रम तैयार किया गया है।
  • इसके तहत देशभर के 37 महानगरों में 135 अल्‍पकालिक पाठ्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जिनमें 5800 प्रशिक्षु शामिल हुए।

विदित हो कि भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वशासी संस्था “भारतीय फिल्म और टेलीविज़न संस्थान” महाराष्ट्र के पुणे शहर में स्थित है। इस संस्थान की स्थापना सन 1960 में पुणे के प्रभात स्टूडियो परिसर में की गई थी।

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