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भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने 22 ग्लोबल पोज़िशनिंग सिस्टम स्टेशनों की स्थापना की

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने देशभर में भूकंप की दृष्टि से ख़तरनाक क्षेत्रों की पहचान करने के उद्देश्य से 06 मार्च, 2019 को 22 ग्लोबल पोज़िशनिंग सिस्टम (जीपीएस) स्टेशनों की स्थापना की। इससे मानचित्रण गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।

ये 22 स्टेशन अनुमोदित 35 जीपीएस स्टेशनों के एक नेटवर्क की श्रृंखला में स्थापित किये गए हैं, जिसमें कोलकाता, तिरुवनंतपुरम, जयपुर, पुणे, देहरादून, चेन्नई, जबलपुर, भुवनेश्वर, पटना, रायपुर, भोपाल, चंडीगढ़, गांधीनगर, विशाखापट्नम, अगरतला, ईटानगर मंगन, जम्मू, लखनऊ, नागपुर, शिलोंग तथा लिटिल अंडमान में जीपीएस स्टेशन स्थापित हो चुके हैं।

इसके आलावा 13 अन्य स्थानों जैसे आइज़ोल, फरीदाबाद, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, कूचबिहार, ज़वर, नार्थ अंडमान, मिडिल अंडमान, साउथ अंडमान, रांची, मंगलौर, इम्फाल तथा चित्रदुर्गा में जीपीएस स्टेशनों की स्थापना की जायेगी।

विदित हो कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा पृथ्वी विज्ञान के अंतिम वर्ष के पीजी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति के आधार पर जीएसआई-इंटर्नशिप प्रोग्राम (जीएसआई-आईपी) भी शुरू किया गया है। पूरे भारत में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक (क्लास 8 से 12), बोर्डों और परिषदों के स्कूली सिलेबस में भूविज्ञान को एक विषय के रूप में शामिल करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।

 

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई):

‘जीएसआई’ भारत सरकार के खनन मंत्रालय के अधीन कार्यरत एक संगठन है जिसकी स्थापना 1851 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा भारत के पूर्वी क्षेत्रों में कोयले की उपलब्धता की खोज एवं अध्ययन करने के लिए की गई थी। यह इस प्रकार के विश्व के सबसे पुराने संगठनों मे से एक है। इसका कार्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और अध्ययन करना है। साथ ही यह ज़मीनी सर्वेक्षण, हवाई व समुद्री सर्वेक्षण के द्वारा खनिज संसाधन का आकलन करता है। इसका मुख्यालय कोलकाता में है।

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